बूंदी. प्रदेश की वर्तमान सरकार के पांचवें व आखिरी बजट से बूंदी जिले को निराशा हाथ लगी। सरकार अपने ही वादों पर खरी नहीं उतरी। दो पेयजल योजनाओं को छोड़कर कोई नई घोषणा जिले के लिए नहीं की गई। सरकार ने जिले में वर्षों पुरानी मांगों को दरकिनार कर दिया। बजट में हिण्डोली विधानसभा का तो जिक्र तक नहीं किया गया। इसके चलते समूचे क्षेत्र के लोगों को निराशा हाथ लगी। सरकार ने केशवरायपाटन की शुगर मिल के पुनर्संचालन का बजट में कोई उल्लेख नहीं किया। केशवरायपाटन व हिण्डोली मुख्यालय पर सरकारी कॉलेज खोलने की मांग पर गौर नहीं किया। नैनवां के भगवान आदिनाथ जयराज मारवाड़ा महाविद्यालय को सरकारी कराने की वर्षों पुरानी मुराद भी इस सरकार के आखिरी बजट में पूरी नहीं की गई। झालीजी का बराना-गरड़दा पेयजल योजनाएं मंजूर बूंदी जिले को बजट में दो बड़ी पेयजल योजनाएं मिली। हालांकि दोनों ही योजनाओं की पूर्व में घोषणा की जा चुकी थी। सरकार ने केशवरायपाटन उपखंड के झालीजी का बराना पेयजल योजना मंजूर कर दिया।इस परियोजना पर १०९ करोड़ २९ लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। यह परियोजना मेज नदी पर बनेगी। इससे करीब सौ गांवों को पीने का पानी दिया जाएगा। सरकार ने गरड़दा बांध पेयजल योजना को भी मंजूरी दे दी। इस परियोजना पर १८२ करोड़ ८६ लाख रुपए व्यय किए जाएंगे। इस योजना से १११ गांव एवं ९१ ढाणियों में पेयजल की व्यवस्था होगी। बूंदी में एक और दुर्घटना दावा न्यायालय सरकार ने बूंदी में एक और दुर्घटना दावा न्यायालय खोलने की घोषणा की है।इससे अब लोगों को और अधिक राहत की उम्मीद बंधी है। हिण्डोली- नैनवां को फिर मिली निराशा बंूंदी. हिण्डोली. नैनवां. सरकार के बजट में हिण्डोली-नैनवां विधानसभा क्षेत्र को इस बार भी जगह नहीं मिली।समूचे क्षेत्र के लिए सरकार ने कोई घोषणा नहीं की। जबकि यहां लोगों को हिंडोली को नगर पालिका का दर्जा, नैनवां के बीएजेएम कॉलेज को सरकारी किए जाने और पेयजल योजनाओं को मंजूरी की उम्मीद थी।