उनके तरक्की की कहानी इसी स्कूल के गलियारों से शुरू होती है, बात चाहें बच्चों को शिक्षा देने की हो या स्कूल के विकास की। 19 साल तक बूंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्काउट-गाइड को मजबूत करने, स्कूल भवन और परिसर में पंचवटी का निमार्ण किया जो जिले मेंं कहीं नही। शिक्षक के पद पर सन् 1976 से शुरूआत हुई। अध्ययन काल से ही राष्ट्रपति अवार्ड प्राप्त कर चुके सैनानी का जीवन स्काउट-गाइड के प्रति समर्पित है।
रिटायर्ड होने के बाद मानो उन्होनें अपना जीवन संगठन की मजबूती में ही रमा लिया हो। इसके लिए परिवार तक की भी परवाह नही। 65 वर्षीय सेनानी उम्र के इस पड़ाव पर भी खुद को अपडेट कर युवा पीढ़ी के साथ कदम ताल करते है यही वजह है कि आज भी संगठन में उन्हें ही जिम्मेदारी दी जाती है। परिवार के कार्यो को छोड़ संगठन के अधिवेशन, विद्यार्थियों की टीम, उन्हें ट्रेनिग देने सहित सभी कार्य बिना स्वार्थ के अनवरत जारी है, खास बात यह है कि इन सब के लिए सेनानी कोई राशि नही लेते है। उन्होनें हजार से ज्यादा शिक्षक स्काउट गाइड संगठन के लिए तैयार कर दिए है।
यह मिली उपलब्धि-
रोवर अवार्ड, जम्बूरी कैंप में सेवाएं, राज्य स्तरीय सम्मान, शिक्षक रत्न से सम्मानित, 25 राष्ट्रपति अवार्ड सहित मंडल स्तर पर कई बार सम्मानति हो चुके। मलेशिया और नेपाल में भारत का प्रतिनिधित्व।