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थमे रोडवेज के चक्के, परेशान होते रहे यात्री

locationबूंदीPublished: Sep 18, 2018 05:36:50 pm

Submitted by:

Nagesh Sharma

रोडवेज के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेशभर में रविवार रात १२ बजे से ही चक्काजाम हड़ताल के बाद रोडवेज के पहिए थम गए।

thame rodavej ke chakke, pareshaan hote rahe yaatree

थमे रोडवेज के चक्के, परेशान होते रहे यात्री

एक दिन में १० लाख रुपए का आर्थिक नुकसान, धरने पर बैठे कर्मचारियों ने लगाए सरकार विरोधी नारे
बूंदी. रोडवेज के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेशभर में रविवार रात १२ बजे से ही चक्काजाम हड़ताल के बाद रोडवेज के पहिए थम गए। वार्ता विफल होने से नाराज कर्मचारियों ने अनिश्चितकालिन हड़ताल का रुख अपनाते हुए सरकार को जमकर कोसा। हड़ताल के बाद जिले में करीब ८० से अधिक रोडवेज बसों का संचालन ठप हो गया और यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। इससे राज्य पथ परिवहन निगम बूंदी को प्रतिदिन करीब १० लाख रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। बूंदी डिपो के करीब २७२ कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सुबह से सभी कर्मचारी सरकार विरोधी नारे लगाते हुए धरने पर बैठे रहे। एटक सचिव अशोक सक्सेना, दीपक शर्मा ने बताया कि २७ जुलाई को राज्य सरकार से हुए समझौते को लागू नहीं किया गया। कर्मचारियों को १५० करोड़ रुपए देने का वादा किया था। १०० करोड़ रुपए अभी तक भी नहीं दिए गए हैं, जिससे कर्मचारियों का बकाया पैमेंट नहीं हो पा रहा है। सातवां वेतन आयोग लागू नहीं किया गया और न ही नई बसें एवं नई नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गई। जिसके चलते रोडवेज कर्मचारियों में आका्रेश व्याप्त है।
नहीं मिला कोई साधन, धक्के खाते रहे यात्री
सोमवार को मुख्यमंत्री की गौरवयात्रा के चलते रोडवेज बसों की हड़ताल ने कोढ में खाज का काम किया। आवाजाही के लिए लोक सेवा की बसें भी यात्रियों को नहीं मिल पाई। जो बसें संचालित थी वह सीधे बाइपास से होकर गुजरी। वहीं निजी बसों को मुख्यमंत्री की सभा स्थल पर लोगों को लाने ले जाने में लगाया गया जिससे यात्रियों को अपने गन्तव्य स्थल तक पहुंचने के लिए पसीना बहाना पड़ा। सोमवार को मौसम ने भी यात्रियों को खूब तपाया। दिनभर तेज गर्मी से यात्री बेहाल नजर आए। घंटों बस स्टैंड के बाहर व परिसर में बसों का इंतजार करते रहे।
जीप व मिनी बसों की हुई चांदी
कोटा से बूंदी व आसपास क्षेत्र में जीप व मिनी बसों का संचालन रहा। इन वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी भरी गई। यात्रियों की मजबूरी का फायदा जीप चालकों ने जमकर उठाया।
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