शोभायात्रा शांति वीर धर्म स्थल से रवाना हुई, जो भगत ङ्क्षसह चौराहा ,बस स्टैंड होते हुए वापस शांति वीर धर्म स्थल पर पहुंची। शोभायात्रा में महिलाएं केसरिया परिवेश मे सज धज कर सिर पर कलश लेकर चल रही थी। धर्मस्थल पर प्रतिष्ठाचार्य कुमुद सोनी व नरेंद्र शास्त्री द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ ध्वजारोहण कराया। ध्वजारोहण विमल कुमार व अभय कुमार जैन द्वारा किया। भगवान को समोशरण में विराज कर उनकी अर्चना पूजा अभिषेक शांति धारा मुनि ससंघ के सानिध्य में हुई। कल्पद्रुम मंडल विधान की संगीतमय पूजन हुई, जिसमें महिलाएं नृत्य करती रही। महामण्डल विधान में 26 जोड़े बैठे। महामण्डल विधान 15 नवम्बर तक जारी रहेगा। 16 को विश्वशांति महायज्ञ व मुनि संघ का पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम होगा।
अंहकार से रिश्ते टूट जाते है परिवार में
जैन मुनि श्रुतेशसागर ने धर्म सभा में कहा कि ईश्वर की भक्ति करने से मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।जीवन में अहंकार सबसे अहित करने वाला है, अहंकार से कहीं परिवारों से रिश्ते टूट जाते है। बिना अहंकार के प्रभु की भक्ति करने से आत्मा को शांति प्राप्त होती है। मंडल विधान के दौरान रोजाना सांयकाल महा आरती का आयोजन किया जाएगा ।