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पहले हुए नाराज फिर मनाने दौड़े साथी…जानिए क्या है माजरा

locationबूंदीPublished: Sep 07, 2018 04:09:07 pm

Submitted by:

Devendra

नगर पालिका सभा भवन में गुरुवार को उत्सवों के आयोजन को लेकर नगर पालिका बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें पार्षदों का हंगामा व नाराजगी भी साफ दिखाई दी।

The first annoyed angry convict's companion ... know what the hell is

पहले हुए नाराज फिर मनाने दौड़े साथी…जानिए क्या है माजरा

इंद्रगढ़. नगर पालिका सभा भवन में गुरुवार को उत्सवों के आयोजन को लेकर नगर पालिका बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें पार्षदों का हंगामा व नाराजगी भी साफ दिखाई दी। बैठक में बिजली बंद होने से नाराज पार्षद अशोक वर्मा बैठक छोड़कर चले गए। जिन्हें बाद में कुछ पार्षद समझाकर वापस ले आए।
बैठक में तेजाजी मेला, डोल मेला, गणेश चतुर्थी व अनंत चर्तुदशी उत्सव मनाने पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान सभी उत्सवों का बजट 10 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय सर्वसम्मति से पारित किया गया। सर्वसम्मति से मेला समिति संयोजक पार्षद अनिल सैनी व सह संयोजक अजय कहार को बनाया गया। चल शौचालय खरीदने पर भी मंजूरी दी गई।
पार्षद मेघराज चौधरी ने कालबेलिया व बंजारा बस्ती में लाइट नहीं लगाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पालिका मनमर्जी से अपने चहेते लोगों के मकानों के सामने सीसी रोड व लाइट लगा रही है। पार्षद फरीद खान ने कहा की नगर पालिका में पालिकाध्यक्ष की भी कर्मचारी नहीं सुनते। ऐसे में पार्षदों व आम नागरिकों की कौन सुनेगा।
बैठक में सफाई कर्मचारियों के 30 पद बढ़ाकर इन पदों पर वाल्मीकि समाज के लोगों को ही नियुक्ति देने के प्रस्ताव स्वायत्त शासन विभाग को भेजने का निर्णय किया। दीनदयाल अंत्योदय योजना आजीविका मिशन के तहत बनने वाले आश्रय स्थल के लिए स्थान तय करने के मामले को लेकर काफी देर तक गर्मागर्मी का माहौल बना रहा।
बाद में पालिकाध्यक्ष ने अधिशासी अधिकारी को उपयुक्त स्थान देकर आश्रय स्थल निर्माण के लिए कहा। इस दौरान उपाध्यक्ष नाथू लाल साहू, पार्षद कल्पना सेन, अजय कहार, बुद्धि प्रकाश वर्मा सहित अन्य पार्षद मौजूद थे।
ऊंटों को पशु चिकित्सक ने लगाए टैग

बसोली. क्षेत्र में राष्ट्रीय ऊंट विकास योजना के तहत गुरुवार को बसोली कस्बे के निकट ऊंट पालक अपने पशुओं को लेकर एकत्रित हुए। जहां पशु चिकित्सकों की ओर से ऊंटों को टैग लगाकर चिह्नित किया गया।
पशु चिकित्सक गौतम फूलझले ने बताया कि पिछले तीन सालों से राजस्थान में ऊंट बचाने की मुहिम शुरू की गई थी। सरकार की योजना के तहत बसोली क्षेत्र में 32 ऊंट पालकों को राशि देकर लाभांवित किया गया है। उन्होंने बताय कि प्रथम व दूसरी किश्त में तीन-तीन हजार व तीसरी किश्त में चार हजार रुपए दिए जाएंगे।
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