केशव मंदिर के सहारे चंबल नदी जाने वाले रास्ते पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के भवन को अब यात्रियों के लिए धर्मशाला में बदलने की मांग उठती जा रही है। पार्षद राजेश सैनी, राम सिंह गुर्जर व शुभम शर्मा ने बताया कि कार्तिक मेले में यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी उठानी पड़ती है। प्रशासन पुराने विद्यालय को ठीक करवा कर इसे धर्मशाला का स्वरूप दे तो यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था हो सकती है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शहर में रात्रि ठहराव की व्यवस्था नहीं होने से शहर छोड़ कर रात को रुकने के लिए कोटा जाना पड़ता है।
चम्बल नदी किनारे पग-पग पर धरोहर है, लेकिन उनका संरक्षण नहीं होने से चम्बल का सौंदर्यकरण बिगड़ा हुआ है। चम्बल नदी किनारे पर्यटन को बढ़ाने देने के लिए छतरियों का निर्माण करवाया था, लेकिन वह चम्बल नदी के पानी के
बहाव को नहीं झेल पाई। पचास लाख की लागत से बनाई छतरियों की जांच तक नहीं हो पाई। बुर्ज एक तरह से मंदिर की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो भी अब जर्जर होने लग गई। लोगों ने देवस्थान विभाग से बुर्ज की मरम्मत
करवाने की मांग की है। चम्बल नदी किनारे संरक्षण के अभाव में पौराणिक धरोहर व चबूतरों पर उकेर रखी कलाकृतियों को बचाने की दरकार है।