हिंडोली क्षेत्र के विजयगढ़ के पास नदी में रोजाना बजरी खनन किया जा रहा है। इसके बाद दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर ले जाया जा रहा है। इसके चलते सरकार को लाखों रुपए की रायल्टी का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
50 हजार में ट्रक व 5 हजार में ट्रैक्टर-ट्रॉली
बजरी पर रोक से जहां गरीब आदमियों के आशियाने नहीं बन पा रहे हैं वही कुछ लोग अधिक दाम पर अवैध रूप से बजरी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। बजरी का एक ट्रक कोटा में 50 हजार से अधिक और ट्रैक्टर-ट्रॉली पांच हजार रुपए में बेची जा रही है।
बजरी पर रोक से जहां गरीब आदमियों के आशियाने नहीं बन पा रहे हैं वही कुछ लोग अधिक दाम पर अवैध रूप से बजरी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। बजरी का एक ट्रक कोटा में 50 हजार से अधिक और ट्रैक्टर-ट्रॉली पांच हजार रुपए में बेची जा रही है।
यह है खनन का तरीका
बनास एवं मेज नदी में अवैध रूप से बजरी खनन करने का तरीका आसपास के लोगों ने इस तरह से अपना रखा है कि पुलिस भी उन लोगों को पकडऩे में नाकाम साबित हो रही है। नदी से यह लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली के माध्यम से बजरी निकालकर कुछ स्थानों पर एकत्रित कर लेते हैं। फि र ट्रकों में बुलडोजर से भरकर बेचने ले जा रहे है। इसके चलते रोक नहीं लग पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि रात होते ही बजरी के परिवहन का सिलसिला शुरू हो जाता है। जो दूसरे दिन भी जारी रहता है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार इसकी जानकारी विभागों को दी जाती है। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे अवैध खनन का परिवहन करने वालों को कोई खौफ नहीं है। निरन्तर यह मामले बढ़ते जा रहे हैं।
बनास एवं मेज नदी में अवैध रूप से बजरी खनन करने का तरीका आसपास के लोगों ने इस तरह से अपना रखा है कि पुलिस भी उन लोगों को पकडऩे में नाकाम साबित हो रही है। नदी से यह लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली के माध्यम से बजरी निकालकर कुछ स्थानों पर एकत्रित कर लेते हैं। फि र ट्रकों में बुलडोजर से भरकर बेचने ले जा रहे है। इसके चलते रोक नहीं लग पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि रात होते ही बजरी के परिवहन का सिलसिला शुरू हो जाता है। जो दूसरे दिन भी जारी रहता है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार इसकी जानकारी विभागों को दी जाती है। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे अवैध खनन का परिवहन करने वालों को कोई खौफ नहीं है। निरन्तर यह मामले बढ़ते जा रहे हैं।