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जमीन की तलाश हुई खत्म, परिवहन विभाग को 10 बीघा जमीन आवंटित

locationबूंदीPublished: Dec 08, 2019 12:50:33 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

राज्य सरकार ने परिवहन विभाग कार्यालय के लिए कुंवारती कृषि उपज मंडी रोड पर नानकपुरिया गांव में आबकारी भवन के समीप 10 बीघा भूमि आवंटित कर दी।

जमीन की तलाश हुई खत्म, परिवहन विभाग को 10 बीघा जमीन आवंटित

जमीन की तलाश हुई खत्म, परिवहन विभाग को 10 बीघा जमीन आवंटित

बूंदी. राज्य सरकार ने परिवहन विभाग कार्यालय के लिए कुंवारती कृषि उपज मंडी रोड पर नानकपुरिया गांव में आबकारी भवन के समीप 10 बीघा भूमि आवंटित कर दी। इसमें 5 बीघा में कार्यालय और 5 बीघा में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेक बनेगा। विभाग ने जमीन मिलने पर नक्शा तैयार कर लिया। नया भवन बनने से परिवहन कार्यालय खुद के भवन में संचालित हो सकेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 15 वर्ष बाद कार्यालय को खुद की जमीन नसीब हो सकी। इस बीच कई बार जमीन आवंटन के फैसले हुए, लेकिन हर बार अड़ंगे लगे।नए भवन बनने से आमजन को सुविधा मिलेगी साथ ही ड्राइविंग ट्रेक से ट्रायल लेने की समस्या भी दूर होगी। जानकार सूत्रों ने बताया कि अभी कार्यालय किराए के भवन में संचालित हो रहा है।

नए भवन में यह मिलेगी सुविधा
परिवहन विभाग का नया कार्यालय बनने के बाद रिकॉर्ड रखने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सकेगा। आमजन के कार्य मे तेजी आएगी। साथ ही सीज वाहनों को ऑफिस परिसर में रखने की जगह मिल सकेगी। बड़़े वाहनों को हाइवे के नजदीक होने से शहर के अंदर नहीं आना पड़ेगा। जबकि पुराने कार्यालय के बाहर वाहन खड़ा होने से कई बार जाम की स्थिति बन जाती थी। भवन में महिला डेस्क, कम्यूनिटी हॉल में आई हेल्प यू डेस्क, सभी के लिए अलग-अलग कक्ष उपलब्ध होंगे।

अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा
नए परिवहन कार्यालय में 5 बीघा जमीन में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेक बनाया जाएगा। वर्तमान में विभाग के पास वाहन चालकों से ट्रायल लेने की समस्या है। नए भवन में ट्रेक बनने से विभाग के अधिकारी लाइसेंस बनाने आने वाले स्वामी से ट्रायल ले सकेंगे। यहां एक कम्प्यूटर रूम बनाया जाएगा। ट्रायल के दौरान मौके पर यह बताया जाएगा कि वाहन स्वामी गाड़ी चला सकता है या नहीं। यानी वाहन नहीं चला पाने पर लाइसेंस नहीं बनेगा।

विवाद-दर-विवाद
परिवहन विभाग के लिए जमीन की तलाश 15 वर्ष में अब पूरी हुई। सबसे पहले फूलसागर रोड के निकट जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन यहां विवाद खड़ा हो गया। पहले तो जमीन से ढाबा हटाने में प्रशासन के पसीने छूट गए, बाद में जब ड्राइविंग ट्रेक बनी तो वन विभाग ने जमीन स्वयं की बता दी। तब परिवहन विभाग को इसे छोडऩा पड़ा।इसके बाद चित्तौड़ रोड पर दौलतपुरा गांव में जमीन चिह्नित की गई।यहां दूरी अधिक बताकर राजनीतिक दखल के चलते आवंटन नहीं हुआ। फिर हाइवे 52 पर टनल के निकट पुराने गल्र्स कॉलेज के भवन को देने की मशक्कत शुरू हुई। इसे आवंटित भी कर दिया, लेकिन भवन उच्च शिक्षा का होने से फिर आवंटन खटाई में पड़ गया।अब हाइवे 52 के करीब नानकपुरिया गांव में फिर से 10 बीघा जमीन आवंटित हुई।

‘वर्तमान में परिवहन विभाग के पास जमीन नहीं होने के कारण ट्रायल लेने के लिए जगह का अभाव था। अब 10 बीघा जमीन आवंटित हो गई। इससे सभी को फायदा होगा। शहर के नजदीक ही आमजन को सुविधा मिलेगी।’
नीतेश शर्मा, अध्यक्ष, परिवहन सलाहकार समिति, बूंदी

‘मुख्यमंत्री, जिले के प्रभारी एवं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के समक्ष यह मांग रखी थी। मांग पर 10 बीघा जमीन आवंटित हो गई। विभाग को स्वयं का भवन मिल सकेगा। इससे आमजन को राहत मिलेगी।’
हरिमोहन शर्मा, पूर्वमंत्री

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