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पाताल में पानी, बोरिंगों से छलनी हो रही धरा

locationबूंदीPublished: Feb 05, 2018 10:48:38 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

जनवरी माह में लगातार भूजल स्तर गहरा जाने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें लगातार बढ़ती जा रही है।

Water in the ocean rubbing the boring

Farmers doing irrigation

हिण्डोली (बूंदी). जनवरी माह में लगातार भूजल स्तर गहरा जाने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें लगातार बढ़ती जा रही है। खेतों में खड़ी रबी की फसल को बचाने के लिए किसान नलकूप लगाने की होड़ में लगे हुए हैं।
पानी नहीं मिलने से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं पर भूजल स्तर लगातार गहरा जाने से गर्मी के मौसम में पीने के पानी की भी समस्या आ गई है। जिस समय किसानों ने रबी फसल की बुवाई की थी, उस दौरान कुओं व नलकूपों में जल स्तर ठीक था। पानी को देखते हुए किसानों ने रबी की फसल की अच्छी मात्रा में बुवाई की थी, लेकिन जनवरी माह में भूजल स्तर लगातार गहरा गया है। जिन किसानों के नलकूप पांच घंटे चलते थे वे अब एक से दो घ्ंाटे ही चलने लगे हैं। क्षेत्र के 42 ग्राम पंचायतों में से 20 ग्राम पंचायतों के लोगों को सर्दी में ही पीने के पानी की समस्या आने लगी है। अधिकांश कुएं एवं नलकूप सूख गए है।
खुदवा रहे नलकूप
किसान फसल को बचाने के लिए खेतों में कई नलकूप खुदवा रहा हैं, लेकिन उनमें पानी नहंीं आ रहा है। जिससे किसान और भी कर्जदार हो गया है। एक एक गांव में सौ से अधिक बोर लग चुके है। 80 प्रतिशत नलकूप सूखे जा रहे है। वार्ड पंच ईश्वर सैनी ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार गांवों में किसानों के नलकूप खुदवाने की होड़ लगी हुई है। ग्राम सुखपुरा के वार्ड पंच सत्यनारायण गुर्जर ने बताया कि टोकड़ा, रोशन्दा, मेण्डी, काछोला, थाना, पगारां, सहसपुरिया, चतरगंज, हिण्डोली सहित कई कई गांवों में पानी की गंभीर समस्या आ गई है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भारतसिंह सोलंकी ने बताया कि इस बार गांवों में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्याएं गंभीर रहेगी।
टैंकरों से करने लगे सिंचाई
कुओं एवं बोर में पानी सूखने से किसान परेशान हैं। किसान फसल को बचाने के लिए टैकरों से सिंचाई कर रहे हैं। ग्राम अमरत्या के लक्ष्मण सैनी ने बताया कि गेहूं की खड़ी फसल सूखने लगी है। उस फसल को बचाने के लिए रुपए खर्च कर टैंकरों से सिंचाई की है। उसके बाद भी फसल हाथ लगेगी या नहीं कोई गारंटी नहीं है। कई गांवों में किसान प्रति टैंकर पांच सौ रुपए की दर से खेतों में सिंचाई कर रहे है।
सहायक कृषि अधिकारी हिण्डोली के. एम. वर्मा का कहना है कि भूजल स्तर गहरा जाने के कारण कुएं रीत गए है। नलकूपों में पानी कम हो गया है, ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी आने लगी है।
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