खुदवा रहे नलकूप
किसान फसल को बचाने के लिए खेतों में कई नलकूप खुदवा रहा हैं, लेकिन उनमें पानी नहंीं आ रहा है। जिससे किसान और भी कर्जदार हो गया है। एक एक गांव में सौ से अधिक बोर लग चुके है। 80 प्रतिशत नलकूप सूखे जा रहे है। वार्ड पंच ईश्वर सैनी ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार गांवों में किसानों के नलकूप खुदवाने की होड़ लगी हुई है। ग्राम सुखपुरा के वार्ड पंच सत्यनारायण गुर्जर ने बताया कि टोकड़ा, रोशन्दा, मेण्डी, काछोला, थाना, पगारां, सहसपुरिया, चतरगंज, हिण्डोली सहित कई कई गांवों में पानी की गंभीर समस्या आ गई है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भारतसिंह सोलंकी ने बताया कि इस बार गांवों में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्याएं गंभीर रहेगी।
किसान फसल को बचाने के लिए खेतों में कई नलकूप खुदवा रहा हैं, लेकिन उनमें पानी नहंीं आ रहा है। जिससे किसान और भी कर्जदार हो गया है। एक एक गांव में सौ से अधिक बोर लग चुके है। 80 प्रतिशत नलकूप सूखे जा रहे है। वार्ड पंच ईश्वर सैनी ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार गांवों में किसानों के नलकूप खुदवाने की होड़ लगी हुई है। ग्राम सुखपुरा के वार्ड पंच सत्यनारायण गुर्जर ने बताया कि टोकड़ा, रोशन्दा, मेण्डी, काछोला, थाना, पगारां, सहसपुरिया, चतरगंज, हिण्डोली सहित कई कई गांवों में पानी की गंभीर समस्या आ गई है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भारतसिंह सोलंकी ने बताया कि इस बार गांवों में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्याएं गंभीर रहेगी।
टैंकरों से करने लगे सिंचाई
कुओं एवं बोर में पानी सूखने से किसान परेशान हैं। किसान फसल को बचाने के लिए टैकरों से सिंचाई कर रहे हैं। ग्राम अमरत्या के लक्ष्मण सैनी ने बताया कि गेहूं की खड़ी फसल सूखने लगी है। उस फसल को बचाने के लिए रुपए खर्च कर टैंकरों से सिंचाई की है। उसके बाद भी फसल हाथ लगेगी या नहीं कोई गारंटी नहीं है। कई गांवों में किसान प्रति टैंकर पांच सौ रुपए की दर से खेतों में सिंचाई कर रहे है।
कुओं एवं बोर में पानी सूखने से किसान परेशान हैं। किसान फसल को बचाने के लिए टैकरों से सिंचाई कर रहे हैं। ग्राम अमरत्या के लक्ष्मण सैनी ने बताया कि गेहूं की खड़ी फसल सूखने लगी है। उस फसल को बचाने के लिए रुपए खर्च कर टैंकरों से सिंचाई की है। उसके बाद भी फसल हाथ लगेगी या नहीं कोई गारंटी नहीं है। कई गांवों में किसान प्रति टैंकर पांच सौ रुपए की दर से खेतों में सिंचाई कर रहे है।
सहायक कृषि अधिकारी हिण्डोली के. एम. वर्मा का कहना है कि भूजल स्तर गहरा जाने के कारण कुएं रीत गए है। नलकूपों में पानी कम हो गया है, ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी आने लगी है।