बुरहानपुरPublished: Oct 14, 2021 11:15:18 am
ranjeet pardeshi
अतीत का झरोखा
बुरहानपुर में प्रचार करने आए थे तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा।
बुरहानपुर. खंडवा लोकसभा की सीट हमेशा से हाई प्रोफाइल सीट रही। यहां भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज मैदान में उतरने से कांटे की टक्कर रही। लेकिन 1989 के चुनाव बहुत अलग थे। यहां भाजपा से अमृतलाल तारवाला और कांग्रेस से कालीचरण शकरगाय के बीच निर्दलीय ठाकुर शिवकुमार ने त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया था। यह चुनाव अब तक लोगों के जहन में है।
दरअसल उस समय के त्रिकोणीय मुकाबला में जीत हार का आंकलन लगाना बड़ा मुश्किल काम था। भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा। लेकिन भाजपा के कई बड़े दिग्गजों ने यहां मैदान में उतरकर बहुत अपने प्रतिद्वंदियों से 15 फीसदी अधिक वोट लेकर जीत हांसिल की थी।
अटल-लालकृष्ण आडवानी ने संभाला थो मोर्चा
1989 के लोकसभा उपचुनाव में रोचक मुकाबले में भाजपा से केंद्रीय नेतृत्व रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवानी ने मोर्चा संभाला था। अटल बिहारी वाजपेयी ने खंडवा और लालकृष्ण आडवानी, तत्कालीन प्रदेश के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने बुरहानपुर में आकर प्रचार किया था। तारवाला ने कांग्रेस और निर्दलीय शिवकुमारसिंह को हराया था।
उस समय गुटबाजी नहीं हुआ करती थी, सब एक थे
1989 में तारवाला के साथ प्रचार में मुख्य भूमिका में रहे ओम प्रकाश शर्मा बताते हैं कि उस समय कांग्रेस का पोल बड़ा था, जीत इतनी आसान नहीं थी। लेकिन सभी ने एकजुट होकर ताकत लगा दी थी। उस समय गुटबाजी क्या होती है यह बात दोनों दलों में नहीं थी। टिकट तय होने के बाद केवल पार्टी की विचारधारा से जुड़कर कार्यकर्ता चुनाव में जुट जाता था। उस समय किसी एक कार्यकर्ता ने कोई निर्णय लिया तो सभी उसकी बात मानते थे, कोई विरोध नहीं हुआ करता था। कार्यकर्ता तन मन धन से लग जाता था, विश्वास बहुत था। जबकि उस समय ज्यादा साधन नहीं थे, कार्यलय खोलने की जगह नहीं मिलती थी।
1989 और 91 के चुनाव परिणाम
1989
उम्मीदवार वोट मिले प्रतिशत
अमृतलाल तारवाला, भाजपा 225925 43.66
कालीचरण शकरगाय, कांगे्रस 136718 26.42
शिवकुमारसिंह, निर्दलीय 133142 25.73