ग्रामीण क्षेत्र
ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात बहुत दयनीय होने लगे हैं। अभी से पानी पाताल में जाने से हैंडपंप बंद हो रहे हैं। अब तक ३६५ हैंडपंप जलस्तर घटने से और ८ हैंडपंप तकनीकी खराबी से बंद हो गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के मुताबिक सामान्यत: जहां २० मीटर तक पानी लग रहा था, अब ४५ मीटर पर पानी लग रहा है। गर्मीमें और जल स्तर गिरेगा। वारोली और चापोरा में तो जलसंकट गहरा गया है। इच्छापुर, चोखंडिया तो संवेदनशील माने गए हैं। विभाग का कहना है कि गर्मी से निपटने के लिए अभी से ५० सिंगल फेस की मोटर की डिमांडकर दी है। यह मोटर ५०० फीट तक पानी खींच सकती है। केसिंग पाइप, हैंडपंप सेट, रायजर पाइप बुला लिए गए हैं। ३० लाख रुपए का बजट भी मांग लिया हैं, क्योंकि पानी के स्त्रोत पैदा करने की जिमेदारी पीएचई की रहेगी।
५५ लीटर की डिमांड, देंगे ३५ लीटर
विभाग का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति ५५ लीटर पानी फिलहाल दे रहे हैं, लेकिन गर्मी में यह ३५ लीटर पर आ जाएगा। क्योंकि पानी की ज्यादा गंभीर स्थिति बनेगी। हालांकि विभाग का कहना है कि अभी ऐसी योजना बना रहे हैं कि ७० लीटर पानी प्रति ग्रामीण को मिले।
ऐसी है स्थिति-
२५९५ हैंडपंप
४८ बंद पड़े
४५ मीटर पर पहुंचा जल स्तर
३० लाख रुपए बजट आया
ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात बहुत दयनीय होने लगे हैं। अभी से पानी पाताल में जाने से हैंडपंप बंद हो रहे हैं। अब तक ३६५ हैंडपंप जलस्तर घटने से और ८ हैंडपंप तकनीकी खराबी से बंद हो गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के मुताबिक सामान्यत: जहां २० मीटर तक पानी लग रहा था, अब ४५ मीटर पर पानी लग रहा है। गर्मीमें और जल स्तर गिरेगा। वारोली और चापोरा में तो जलसंकट गहरा गया है। इच्छापुर, चोखंडिया तो संवेदनशील माने गए हैं। विभाग का कहना है कि गर्मी से निपटने के लिए अभी से ५० सिंगल फेस की मोटर की डिमांडकर दी है। यह मोटर ५०० फीट तक पानी खींच सकती है। केसिंग पाइप, हैंडपंप सेट, रायजर पाइप बुला लिए गए हैं। ३० लाख रुपए का बजट भी मांग लिया हैं, क्योंकि पानी के स्त्रोत पैदा करने की जिमेदारी पीएचई की रहेगी।
५५ लीटर की डिमांड, देंगे ३५ लीटर
विभाग का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति ५५ लीटर पानी फिलहाल दे रहे हैं, लेकिन गर्मी में यह ३५ लीटर पर आ जाएगा। क्योंकि पानी की ज्यादा गंभीर स्थिति बनेगी। हालांकि विभाग का कहना है कि अभी ऐसी योजना बना रहे हैं कि ७० लीटर पानी प्रति ग्रामीण को मिले।
ऐसी है स्थिति-
२५९५ हैंडपंप
४८ बंद पड़े
४५ मीटर पर पहुंचा जल स्तर
३० लाख रुपए बजट आया
सिंचाईकी स्थिति : दम तोडऩे लगे तालाब
करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए तालाब भी दम तोडऩे लगे हैं। कहीं कम बारिश के कारण तालाब पहले ही शत प्रतिशत भराए नहीं थे, जो भरे वहां पर भी पानी ५० फीसदी तक खाली हो गया है। जल संसाधन विभाग का कहना है कि अक्टूबर माह से खेतों में सिंचाईका काम शुरू हो जाता है, इसलिए अब तक तालाब ५० फीसदी खाली हुए हैं। लेकिन गर्मीके मौसम को देखते हुए अभी से पानी का कम उपयोग किया जाना चाहिए।
इन तालाबों में कम जल स्तर
मोरझिरा तालाब में जल भराव की क्षमता १.४९३ घन मीटर की है, लेकिन अक्टूबर में यह कम बारिश के कारण ०.६८५ घन मीटर भर पाया याने ४६ फीसदी पानी आया। जबकि २०० हेक्टेयर जमीन इसी से सिंचित करने का लक्ष्य था। इसी तरह धामनगांव तालाब में २७ फीसदी, गुराडिया तालाब में ४२, दुधिया में ७९, नयाखेड़ा में ३८, हैदरपुर में ५०, झिरपांजरिया में ८०, सावली में ६१, इच्छादेवी तालाब में २३, बनियानाला में २२, देव्हारी में २४, संग्रामपुर में १२, बंभाड़ा में ५, निना में १२, मगरूल में ४, भोलाना तालाब में १०, रतागढ़ स्टोरेज तालाब में ० फीसदी पानी जमा हुआ था। अब और यहां पर पानी कम हो गया है।
तालाब और सिंचित जमीन एक नजर में
४१ तालाब
१३ बैराज
७७.०८ मिलियन घन मीटर पानी भराव की क्षमता
५९.३१ उपलब्ध पानी अक्टूबर तक
१६०७० हेक्टेयर जमीन सिंचित होना है
बीयू१३०१ : ताप्ती नदी का पानी अब किनारे छोड़ सिमटने लगा है।
करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए तालाब भी दम तोडऩे लगे हैं। कहीं कम बारिश के कारण तालाब पहले ही शत प्रतिशत भराए नहीं थे, जो भरे वहां पर भी पानी ५० फीसदी तक खाली हो गया है। जल संसाधन विभाग का कहना है कि अक्टूबर माह से खेतों में सिंचाईका काम शुरू हो जाता है, इसलिए अब तक तालाब ५० फीसदी खाली हुए हैं। लेकिन गर्मीके मौसम को देखते हुए अभी से पानी का कम उपयोग किया जाना चाहिए।
इन तालाबों में कम जल स्तर
मोरझिरा तालाब में जल भराव की क्षमता १.४९३ घन मीटर की है, लेकिन अक्टूबर में यह कम बारिश के कारण ०.६८५ घन मीटर भर पाया याने ४६ फीसदी पानी आया। जबकि २०० हेक्टेयर जमीन इसी से सिंचित करने का लक्ष्य था। इसी तरह धामनगांव तालाब में २७ फीसदी, गुराडिया तालाब में ४२, दुधिया में ७९, नयाखेड़ा में ३८, हैदरपुर में ५०, झिरपांजरिया में ८०, सावली में ६१, इच्छादेवी तालाब में २३, बनियानाला में २२, देव्हारी में २४, संग्रामपुर में १२, बंभाड़ा में ५, निना में १२, मगरूल में ४, भोलाना तालाब में १०, रतागढ़ स्टोरेज तालाब में ० फीसदी पानी जमा हुआ था। अब और यहां पर पानी कम हो गया है।
तालाब और सिंचित जमीन एक नजर में
४१ तालाब
१३ बैराज
७७.०८ मिलियन घन मीटर पानी भराव की क्षमता
५९.३१ उपलब्ध पानी अक्टूबर तक
१६०७० हेक्टेयर जमीन सिंचित होना है
बीयू१३०१ : ताप्ती नदी का पानी अब किनारे छोड़ सिमटने लगा है।