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एक देश भक्त ऐसा भी, हर सुबह ईश्वर पूजन से पहले फहराते हैं तिरंगा

locationबुरहानपुरPublished: Dec 07, 2017 01:30:24 pm

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– सशस्त्र झंडा दिवस आज –
सेना में शामिल नहीं हुए तो क्या देश और सैनिकों के सम्मान में

 A country devotee, like this, fluttering every morning before God worshiping Tiranga

A country devotee, like this, fluttering every morning before God worshiping Tiranga

बुरहानपुर. रंजीत परदेशी. सात दिसंबर को सशस्त्र झंडा दिवस मनाया जाता है। झंडा दिवस यानी देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन। उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। ऐसे वीर सपुतों के सम्मान में शहर का एक शख्स केवल झंडा दिवस ही नहीं बल्कि साल भर अपने घर पर तिरंगा लहराता है।
यह देशभक्त 35 वर्षीय तेजस कृष्णदास शाह निवासी दलियावाड़ा क्षेत्र का निवासी है। तेजस पिछले दो साल से घर के बाहर तिरंगा लहराता है। सुबह ६ बजे राष्ट्रीयगान कर झंडा लगाता है और शाम को राष्ट्रगान के साथ सम्मान देकर झंडा उतारता भी है। पूरे जिले में केवल तेजस ही ऐसा है, जो हर दिन अपने घर के बाहर तिरंगा लहराता है। आसपास के लोगों में भी तेजस को देखकर गर्व महसूस होता है। तेजस का कहना है कि उन्हें अपने देश से अथाह प्रेम है। सेना में शामिल नहीं हुए तो क्या सैनिकों और देश के शान में यह तिरंगा लहराते हैं।
अमरीका से सीखा
तेजस ने कहा कि आज के दौर में पाश्चात्य सभ्यता हावि होती जा रही है। हर कोई विदेशी संस्कृति के अनुरूप चल रहा है। लेकिन विदेशियों से कोई ऐसी आदत भी सीखे जो हमारे देश के लिए काम आए। अमेरीका में हर कोई अपने घर के बाहर अपने देश का झंडा लगाता है। बस इसी को देखकर तेजस अपने घर के बाहर पिछले दो साल से तिरंगा लहरा रहे हैं। सात दिसंबर को सशस्त्र झंडा दिवस के दिन वीर सैनिकों को पूरे परिवार सहित श्रद्धांजलि भी अॢपत करेंगे।
निजी अस्पताल में कार्यरत है तेजस
तेजस निजी अस्पताल में कार्यरत है। उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। मां सरोज बेन शाह और भाई रितेश शाह है, जो एनजीओ चलाते है।
हर कोई घर पर फहरा सकता है तिरंगा
2002 से पहले आम लोगों को सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की छूट थी। 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गयाए जिसके बाद अब कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडा फहरा सकता है।
यह है नियम
सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाता।
झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। किसी भी तरह फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना गलत है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगे को कपड़ा बनाकर पहनता हो तो यह भी अपमान है।
झंडे पर किसी तरह के अक्षर नहीं लिखे जाएंगे। खास मौकों और राष्ट्रीय दिवसों जैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराए जाने से पहले उसमें फूलों की पंखुडयि़ां रखने में कोई आपत्ति नहीं है।
झंडे की स्थिति सम्मानजनक बरकरार होनी चाहिए। फटा या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए।
बीयू०७१७ : अपने घर के बाहर तिरंगा लेकर खड़ा तेजस शाह।

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