बुरहानपुरPublished: Dec 01, 2017 01:10:03 pm
ranjeet pardeshi
– बुरहानपुर आए वैष्णवाचार्य दिव्येश गोस्वामी ने कहा
Bhagwat Geeta in Management education abroad
बुरहानपुर. भागवत गीता हर युग में प्रासंगिक है। वर्तमान में विदेशों में मैनेजमेंट की शिक्षा में भी गीता के पाठ को जोड़ा गया है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने व्यक्ति को कर्म करने की जो प्रेरणा दी है, वह अद्भूत व अद्वितीय है। वर्तमान में लोग काम तो करते हैं, लेकिन उसमें जब अध्यात्मिक सकारात्मक भाव जुड़ते हैं, तो वह कार्य सफल व श्रेष्ठ होकर सभी को सुख देने वाला भी होता है।
यह बात इंदौर के वल्लभकुल वैष्णवाचार्य दिव्येश गोस्वामी महाराज ने वैष्णव भक्तों से कही। गुरुवार दोपहर बुरहानपुर के गोकुल चंद्रमा मंदिर में आए वैष्णवाचार्य ने कहा कि विद्या बहुत आवश्यक है। लेकिन युवा शिक्षित हो रहे संस्कारित नहीं हो पा रहे हैं। शिक्षित होना भी आवश्यक है। लेकिन संस्कार घर से ही प्राप्त होते हैं। सभी पालक अपने बच्चों में धर्म का बीज हृदय कमल में ऐसा बोए की वह पुष्प पल्लिवित हो। धार्मिक और शिक्षा में बैलेंस होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विद्या से विनय प्राप्त होता है। अहंकार अगर हमारे भितर है हम कुछ भी ग्रहण नहीं कर सकते हैं। धन से हम लोग धर्म करेंगे तो वह जीवन सफल होगा। लेकिन कई लोग धन से धर्म नहीं धन से सुख की प्राप्ति करना चाहते हैं। इस दौरान गोकुल चंद्रमा मंदिर के हरिकृष्ण मुखिया, आदित्य भाई, माधव बिहारी अग्रवाल, गिरीश लाड, प्रफुल्ल श्रॉफ, गोवर्धन भाई श्रॉफ, नरेश लाड, ललित लाड आदि ने आचार्यों का स्वागत किया।
गोकुल चंद्रमा मंदिर के मुखिया हरिकृष्ण ने बताया कि बुरहानपुर आए वैष्णवाचार्य ने भागवत गीता की प्रासंगिकता के बारे बताया। उन्होंने बताया कि विदेशों में मैनेजमेंट में गीता को जोड़ा जा रहा है। इस तरह के प्रणाली भारत देश में भी लागू होना चाहिए। ताकि आज का नवजवान भागवत गीता के बारे में जानकर सही दिशा में जा सके। उन्होंने कहा कि भागवत गीता ही व्यक्ति को सही जीवन में पथ पर चलना सीखाती है। इसमें कई कठिनाइयों के बीच मनुष्य किस तरह उभरता है यह बताया गया है।