बुरहानपुरPublished: Sep 29, 2019 02:14:56 pm
ranjeet pardeshi
– 36 किलो चांदी से किया श्रृंगार
Burhanpur: For the first time in 1970, Viraji was the statue of Mother Durga in the city.
नवरात्रि उत्सव की शुरुआत २९ सितंबर रविवार से हो रही है। यह पर्व जिलेभर में उत्साह के साथ मनाया जाएगा। 1970 से शहर में प्रतिमा स्थापना का दौर शुरू हुआ। फव्वारा चौक में जहां देवी प्रतिमा स्थापना की जा रही है। वहां 1971 में पूर्व सांसद ठाकुर शिवकुमारसिंह सहित उद्योगपति, डॉक्टर, वकील व शहर के कई नामी लोग इसके सदस्य रहे।
फव्वार चौक में नवदुर्गा उत्सव समिति नवदुर्गा चौक की ओर से 1983 को छोड़कर लगातार यहां पर देवी प्रतिमा स्थापना की जा रही है। इसी क्षेत्र में रहने वाले 83 वर्षीय नटवरलाल नागर ने बताया कि 1971 में हम दोस्त लोग नेपानगर में देवी प्रतिमा देखने गए थे, जहां नेपा मिल द्वारा प्रतिमा स्थापित की जाती है। यहां का माहौल देखकर हमें भी प्रेरणा मिली की देवी प्रतिमा स्थापना करनी चाहिए। फिर हमने बैठक बुलाई। इसमें ठाकुर शिवकुमारसिंह, छगनलाल अग्रवाल, केदार महेश्वरी, भरत प्रसाद राजे, हरमान पटेल, रणछोड़दास सुगंधी, शांतिलाल, गोवर्धन महाराज, गुलाबचंद जेल्मी सहित कई लोग शामिल हुए। 1970 में हमने फव्वारा चौक पर देवी प्रतिमा स्थापना की। सभी में बड़ा उत्साह का माहौल था।
चांदी का पूरा श्रृंगार
वर्तमान में डॉक्टर अशोक गुप्ता, कृष्णदास गांधी, वामन मामा, सुधीर गुजराती, रजेश कोरावाला, प्रदीप राजे आदि इससे जुड़े हैं। सुधीर गुजराती ने बताया कि माता को ३६ किलो चांदी से श्रृंगार किया जाता है। 1999 से इसकी शुरुआत हुई थी। इसमेंं माता के अस्त्र, शस्त्र, छतर, मुकूट, कंगन आदि रहती है। खास बात यह भी है कि पहली बार मूर्तिकार वैद्य एंड संस से माता की प्रतिमा यहां से ली थी, अब 25 साल से मूर्तिकार खुद प्रतिमा समिति को भेंट करते हैं।
मुंबई से हर दिन आता है फूलों का हार
सुधीर गुजराती ने बताया कि माता का फूलों का हार रोज मुंबई से आता है। एक दिन की हार की कीमत ३ हजार रुपए रहती है। यह हार बनाने वाला मुंबई में बैठने वाले गणपति जो लालबाग के राजा के रूप में प्रसिद्ध है, उनके लिए भी दस दिन तक हार तैयार करते हैं।