scriptविदेशों तक घुल रही बुरहानपुर केले की मिठास | Burhanpur Banana's sweetness is dissolving to foreign countries | Patrika News

विदेशों तक घुल रही बुरहानपुर केले की मिठास

locationबुरहानपुरPublished: Sep 18, 2021 11:42:12 am

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– एक्सपोर्टर बढऩे का असर- अफगानिस्तान में बिगड़े हालात का बुरहानपुर के केला सप्लाय पर भी असर, यहां जुलाईसे बंद है केला एक्सपोर्ट- विदेशों तक मिठास घोल रहा बुरहानपुर का केला

Burhanpur Banana's sweetness is dissolving to foreign countries

Burhanpur Banana’s sweetness is dissolving to foreign countries

बुरहानपुर. यहां के केले की मिठास विदेशों तक घुल रही है। खास कर खाड़ी देशों में यहां के केले को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। केले के एक्सपोर्ट के बढ़ाने के प्रयास किए गए तो पिछले दो साल में इसे अच्छी गति मिल गई। कोरोना काल होने के बाद भी 13 हजार मेट्रिक टन से अधिक केला सप्लाय हो गया। बुरहानपुर में सरकार एक्सपोर्ट जोन बनाने की भी तैयारी कर रही है, ताकि यूरोपियन देशों में भी केला सप्लाय हो सके।
दुबई और पाकिस्तान तक पहले एक दो बार यहां का केला जा चुका है। लेकिन उसके बाद केला पर बीमारी या अन्य कारण के चलते विदेशों में सप्लाय पूरी तरह बंद हो गया था। लेकिन जब सप्लायरों से संपर्क कर यहां के केले की खासियत बताई गई तो इसका सप्लाय विदेशों तक करना शुरू किया और जब यहां के केला पसंद आया तो डिमांडबढ़ती गई। पहली बार ऐसा हुआ कि लगातार दो साल से केला बाहर सप्लाय हो रहा है। इनमें खासकर अफगानिस्तान, इराक, इरान, तुर्की, बहरीन, दुबई में केला गया। पिछले साल केवल 700 मेट्रिक टन केला गया, मांग बढऩे के बाद इस साल 12 हजार 500 मेट्रिक टन केला सप्लाय हुआ जो अब तक का सर्वाधिक है।
एक्सपोर्ट जोन बना तो पूरे निमाड़ को फायदा
उद्यानिकी विभाग का कहना है विदेशों में केले की डिमांड बढऩे के बाद सरकार का रुझान भी यहां केला एक्सपोर्ट जोन बनाने की ओर बढ़ा है। एक्सपोर्ट जोन बनने से केवल बुरहानपुर ही नहीं बल्कि पूरे निमाड़ और बुरहानपुर से लगे महाराष्ट्र के वह क्षेत्र भी इसमें शामिल हो जाएंगे जहां केला का अधिक उत्पादन होता है। वैसे तो मुख्यमंत्री दो बार बुरहानपुर को केला एक्सपोर्ट जोन बनाने की बात कह चुके हैं। विभाग ने भी इसका प्रस्ताव भोपाल बनाकर भेजा है।

इसलिए बुरहानपुर की केले से पहचान
पूरे निमाड़ में 28 हजार हेक्टेयर में केला फसल उत्पादन होता है। अकेले बुरहानपुर में 22 हजार हेक्टेयर में केला फसल लगती है। यहां पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख लोगों का केला फसल से रोजगार जुड़ा है। केला एक्सपोर्ट होता हैं तो और अधिक रोजगार बढ़ेगा। अभी 90 फीसदी केला उत्तर भारत में सप्लाय होता है।
विदेश में माल जाने पर 200 रुपए मिलते हैं ज्यादा
विभाग के मुताबिक यहां के केले के भाव 500 से 1200 तक मिल जाते हैं। लेकिन जो केला विदेश में जाता है उसके भाव 1300 से 1400 तक मिलते हैं। भाव अधिक मिलने पर किसान का रुझान और अधिक केला फसल को सुधारने में लगता है।
अफगानिस्तान जाना बंद हुआ केला
जुलाईमाह तक यहां का केला अफगानिस्तान तक जाता रहा। लेकिन वहां तालीबानी हमले के बाद जो हालात बिगड़े उससे बुरहानपुर के केला सप्लाय पर भी असर पड़ा और पूरी तरह अफगानिस्तान में केला सप्लाय बंद हो गया।
– पहले एक दो बार दुबई और इरान व अन्य देशों में केला गया था, लेकिन बाद में सप्लाय बंद हो या। पहले एक एक्सपोर्टर था, अब छह हो गए। इसलिए दो साल से केला सप्लाय विदेशों में लगातार हो रहा है। एक्सपोर्टरों से हम लगातार बात कर रहे हैं। यही कारण रहा कि इस साल सबसे अधिक केला विदेशों में सप्लाय हुआ। आगे केला एक्सपोर्ट जोन बनाने की भी तैयारी चल रही है।
– आरएनएस तोमर, उपसंचालक, उद्यानिकी विभाग बुरहानपुर

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