और इधर
धूलकोट के देशमुखी फालिया मे ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। लगभग 45 परिवार डेम का रुका हुआ पानी भरने को मजबूर है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या से निजात पाने के लिए 25 साल पहले खनन करवाया था। लेकिन अभी कुछ दिन पहले स्कूल में बच्चों के लिए हाथ धुलाई प्लेटफार्म बनाने वाले ठेकेदार ने हेडपंप के आधे भाग को निकालकर बोरवेल में मोटर पंप डालकर स्कूल में कनेक्शन कर दिया है। जिसके चलते अब ग्रामीणों के सामने जलसंकट की स्थिति बन गई। ग्रामीणों ने इस समस्या के निराकरण की मांग की।
सुक्ता में छह बोर फेल
सुक्ता गांव में भी जलसंकट है। यहां पांच से छह बोर कराने के बाद भी पानी नहीं निकला है। इससे और चिंता बढ़ गई है। कलेक्टर ने पीएचई विभाग को इस समस्या के निराकरण के लिए आदेश दे दिए हैं। साथ ही नए नलकूप खनन पर भी रोक लगा दी है।
जलसंकट से निपटने ऐसी है पूरी योजना
कलेक्टर प्रवीणसिंह ने बताया कि गर्मी में जल समस्या आने लगी है और भूमिगत जल स्तर गिर रहा है। जो पानी के सोर्स है उसके आसपास किसानों ने बोर करने से जल संकट गिरा है। इसलिए नलकूप खनन पर रोक लगा दी है। अगले तीन माह में हमारी प्राथमिकता है कि लोगों को पीने का पानी मिले। चेक डेम, स्टॉप डेम बनाएंगे, ताकि वाटर लेवल बना रहे।