बच्चा चोर के शक में पकड़ा युवक, 12 साल से लापता निकला
बुरहानपुरPublished: Jul 31, 2019 11:15:16 pm
बुरहानपुर. जिले के ग्राम लोनी के ग्रामीणों ने 3 दिन पहले जिस युवक को बच्चा चोर के शक में पकड़ा था, उसके पीछे की कहानी कुछ और ही निकली। युवक न तो वो बच्चा चोर निकला और न अपराधी। युवक खुद 12 साल से लापता था। लालबाग पुलिस द्वारा जांच पड़ताल कर जब परिजनों को युवक को सूचना दी गई दो परिजन भी हैरान रह गए। मंगलवार को छत्तीसगढ़ से परिजन युवक को लेने के लिए बुरहानपुर पहुंचे। 12 साल बाद बेटे को जिंदा देखकर पिता की आंखों में आंसू आ गए।
बच्चा चोर के शक में पकड़ा युवक, 12 साल से लापता निकला
लालबाग थाना प्रभारी विक्रम सिंह बामनिया ने बताया कि लोनी के ग्रामीणों द्वारा अश्विन यादव निवासी छत्तीसगढ़ के गांव मुनमुला को लोगों ने बच्चा उठाने वाला समझकर पकड़ लिया था । सूचना पर पुलिस जवानों द्वारा युवक को थाने लेकर आ गए थे। युवक से बातचीत में पता चला उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। फिर हमने उससे बात करने की कोशिश की। बात करते-करते उसने किसी तरह अपना गांव मुनमुला छत्तीसगढ़ होना बताया। उसकी इस बात का पता लगाने के लिए हमनें तकनीक का सहारा लिया। युवक द्वारा बताए गए गांव का नाम गूगल मैप पर डाला। इसमें पता चला कि छत्तीसगढ़ में ये गांव आता है। इसके बाद वहां के थाना प्रभारी से संपर्क किया कर पूरा मामला बताया गया। युवक के फोटो वाट्सऐप पर भिजवाए। टीआई ने गाव के सरपंच ठाकुर उपेंद्र से संपर्क कराया। मुनमुला थाना क्षेत्र के अफसरों ने फोटो अश्विन के परिजन को बताया तो सभी हैरत में पड़ गए और अपने बेटे को जिंदा देखकर खुशी से रो पड़े। पुलिस की सूचना पर परिजन मंगलवार को बुरहानपुर पहुंचे और सीधे लालबाग थाने गए। यहां पर उन्हें अपना बिछड़ा हुआ बेटा मिला। पिता निरंजन यादव ने बताया अश्विन की शादी हो चुकी थी। शादी के कुछ सालों बाद ही वो लापता हो गया। हमने बहुत तलाश की, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चल रहा था। अब बुरहानपुर पुलिस ने उसके मिलने की सूचना दी।
हमें नहीं पता था हमारा बेटा जिंदा है बुरहानपुर पुलिस ने
एक बार फिर हमें हमारे बेटे से मिला दिया।
अज्ञात शव को
समझ लिया था
अश्विन का शव
अश्विन के परिजन ने बताया जब अश्विन लापता हुआ तो उसका कहीं कुछ पता नहीं चला, लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी साइकिल के पास एक शव मिला तो सभी को लगा कि अश्विन की मौत हो चुकी है। गांव वालों ने तो कहा कि ये अश्विन ही है, लेकिन हमारा दिल ये बात नहीं मान रहा था। फिर भी गांव वालों की समझाइश के बाद हमने अंतिम संस्कार कर दिया। सभी ने इसे अश्विन समझकर अंतिम संस्कार करवाया था।
दो माह पहले कराई पत्नी की शादी
पिता निरंजन यादव ने बताया कि अश्विन की शादी हुई थी, एक बेटा और पत्नी भी सालों से इंतजार कर रही थी। लेकिन अश्विन का कहीं पता नहीं चलने पर 2 माह पूर्व ही हमने बहू की शादी कराई है। हमें नहीं पता था हमारा बेटा जिंदा है बुरहानपुर पुलिस ने एक बार फिर हमें हमारे बेटे से मिला दिया। 12 साल से लापता अश्विन को लेने के लिए मंगलवार को पिता निरंजन यादव, चाचा कृष्णा यादव और गांव के सरपंच ठाकुर उपेंद्र बुरहानपुर पहुंचे थे।