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परकोटे के अंदर बसा है एमपी का यह बड़ा शहर

locationबुरहानपुरPublished: Nov 26, 2019 06:27:20 pm

Submitted by:

deepak deewan

परकोटे के अंदर बसा है शहर

burhanpur news

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बुरहानपुर. शहर विकास में पीएनटीसी की अनुमति न मिलने से नए निर्माणों पर रोक लग गई है। इसमें प्रमुख रूप से एक से अधिक प्लॉट और खसरा नंबर वाली जमीन पर नए निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है। नगर निगम के अफसर का कहना है कि (टीएनसी) नगर तथा ग्राम निवेश अनुमति नहीं दे रही है। ऐसे में अवैध निर्माण को भी बढ़वा मिल रहा है।
एक भूखंड के एक से अधिक प्लॉट और खसरा नंबर होने पर पिछले छह माह से निगम नए निर्माण की अनुमति जारी नहीं कर रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि कुछ जगह तो अनुमति न मिलने पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया, ऐसे में निगम को ही राजस्व का नुकसान हो रहा है। वर्तमान में निगम से भवन निर्माण की अनुमति लेना आसान नहीं है। इंजीनियर एसोसिएशन का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन कर एक माह में अनुमति मिल जाना चाहिए, लेकिन इसमें 3 से 6 माह तक समय लग जाता है। अब फिर नई एजेंसी इस काम के लिए आई है। अनुमति के लिए जो समयसीमा तय है उसी में काम होना चाहिए।
शहर में कई लोगों ने मकान निर्माण की अनुमति लेकर भवन तो बनाए, लेकिन कईयों ने अनुमति के विपरीत ज्यादा निर्माण कर दिया, जिसकी निगम ने कभी जांच नहीं की। इससे निगम को ही राजस्व नुकसान हो रहा है। पहली मंजिल की अनुमति लेकर कई लोगों ने तीन मंजिला मकान बना लिए।
यह बोले इंजीनियर एसोसिएशन पदाधिकारी
नगर निगम से भवन निर्माण की कार्रवाई करने वाले इंजीनियर एसोसिएशन ने भी एक से अधिक प्लॉट और खसरा नंबर वाली जमीनों पर नए निर्माण की अनुमति नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। एसोसिएशन ने कहा कि निगम परकोटे के अंदर के प्लॉटों में यह स्थिति होने पर टीएनसी का हवाला देकर अनुमति नहीं दे रहे हैं। भूमि विकास अधिनियम 1984 में बना था, जिसका 2012 में नवीनीकरण हुआ, जिसके अनुसार शहर पुराना होने से इसका विकास भूमि विकास अधिनियम के अनुसार नहीं है, इसलिए इसका पालन करना मुश्किल है। इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण चौकसे ने कहा कि कॉलोनियों के लिए नियम है कि कॉलोनियों में नगर के एक प्लॉट पर दो मकान निर्मित करना है तो भूमि का विभाजन करना होता है, दो प्लॉट को मिलाकर एक मकान बनाना है तो संयुक्तीकरण होता है। पुराने शहर में यह नियम लागू नहीं होता। मास्टर प्लान 2021 की किताब में यह मेंशन किया है। काफी पुराना शहर बसा है, जिसके अव्यवस्थित विकास के कारण नियम लागू करना मुश्किल है। इंजीनियर एसोसिएशन उपाध्यक्ष नितिन बरडिया ने कहा कि टीएनसी से अनुमति लाने का कहा जाता है, इसका कार्यालय खंडवा में है। कंसल्टिंग इंजीनियर बुरहानपुर अधिकारी महापौर को अवगत करा चुका है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इंजीनियर एसोसिएशन के सचिव दीपेश मेहता, उपाध्यक्ष नितिन बरडिया ने कहा कि अनुमति न मिलने से परेशानी हो रही है। कई फाइल अटकी पड़ी हैं।
&नगर पालिक निगम कार्यपालन यंत्री, बीजी गुप्ता के मुताबिक एक से अधिक प्लॉट और खसरे नंबर वाली जमीन पर भवन निर्माण की अनुमति टीएनसी वाले नहीं दे रहे हैं, इसलिए निर्माण कार्य बंद है। इसके लिए कार्रवाई चल रही है। इधर प्रवीण चौकसे, अध्यक्ष कंसल्टिंग इंजीनियर एसोसिएशन बताते हैं कि समस्या को लेकर हमने महापौर और आयुक्त को भी अवगत कराया है। इसका निराकरण किया जाना चाहिए। परकोटे के अंदर यह समस्या बनी हुई है।

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