बुरहानपुर

बुरहानपुर: 2001 में 6 लाख थी जनसंख्या अब 2021 में पहुंच गया यह आंकड़ा

– 1991 से 2001 और 2001 से 2011 तक 19 फीसदी बढ़ी थी जनसंख्या- विश्व जनसंख्या दिवस आज- चिंता –

बुरहानपुरJul 11, 2021 / 04:25 pm

ranjeet pardeshi

Burhanpur: Population was 6 lakh in 2001, now this figure has reached in 2021

बुरहानपुर. विश्व जनसंख्या दिवस रविवार को है। इस दिन फिर जनसंख्या वृद्धि पर चिंता होगी। लेकिन धरातल पर इसके लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। 1991 से 2021 तक प्रत्येक दस साल में 19 फीसदी के हिसाब से जनसंख्या में वृद्धि हुई है। फिर दस सालों में 19 प्रतिशत का ही आंकड़ा जोड़े तो जनसंख्या 9 लाख पार हो रही है। इसी हिसाब से स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीनेशन का टारगेट भी तय किया है। जहां 18 प्लस की कुल जनसंख्या 5 लाख 50 हजार 984 है। जबकि 0 से 18 तक की 3.5 लाख का अनुमान लगाया है।
आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले दस सालों में 2011 तक 19 फिसदी जनसंख्या बढ़ गई थी। 2011 से 14 तक पांच फीसदी जनसंख्या बढ़ी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनसंख्या रोकने के सारे प्रयास विफल रहे। इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा दिए गए हम दो हमारे दो का नारा भी काम नहीं कर सका। बुरहानपुर जिले में जनसंख्या का आंकड़ा पिछले 13 वर्षों की तुलना में तेजी से बढ़ा है।
एक जोड़े के तीन बच्चों का एवरेज-
2011 के सर्वे के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक प्रजनन दर 3.1 निकाली गई है, जो एक जोड़े पर तीन बच्चों का एवरेज बनता है। इसे 2.1 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। जैसे एक दंपत्ति के दो 2 बच्चों का अनुपात।

परिवार नियोजन कार्यक्रम भी फ्लॉप-
जनसंख्या को कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। महिला और पुरुष को नसबंदी कराने के लिए लुभावने इनाम तक दिए गए। लेकिन इसका असर बढ़ती जनसंख्या को रोकने में सफल नहीं हो सका। इस साल 4261 की नसबंदी का लक्ष्य तय किया है। इसमें से केवल 58 फीसदी ही नसबंदी हो सकी। बड़ी बात यह है कि 9 जुलाई तक तो एक भी पुरुष ने नसबंदी नहीं कराई।

विवरण 2011 2001
जनसंख्या 756.993 634.883
सेक्स रेशो 951 944
साक्षारता 65.28 59.94
जनसंख्या बढ़ी 19.37 19.10
संभावित 2021 में 9 लाख 8 हजार का अनुमान


क्या कहते है एक्सपर्ट-
सरकार यह करें जनसंख्या नियंत्रण
– जनसंख्या नियंत्रण बहुत अनिवार्य है। सरकार ऐसे नीतिगत निर्णय ले। कम जनसंख्या वाले जैसे हम दो हमारा एक जिसके है उन्हें विशेषकर टैक्स में और पढ़ाई खर्च में राहत दे। परिवार को राशन को पूरी सहायता मिले। उच्च शिक्षा में भी आधा खर्च मिले। ऐसे परिवार को सुविधाएं मिलेगी तो दूसरे परिवार भी इस ओर अग्रसर होंगे। जिनकी केवल एक लड़की है, उन्हें ज्यादा सुविधाएं मिले। इससे महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलेगी। इससे 15 प्रतिशत जनसंख्या तो पुरानी रुढ़ी परंपरा को त्यागेगी।
– डॉक्टर मनीष भट्ट, अर्थशास्त्रीय विभाग अध्यक्ष सेवा सदन कॉलेज

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