यूक्रेन से घर पहुंचा उबैद, पिता से गले मिला, बहन को दुलारा, परिजन बोले अब आया सुकून
बुरहानपुर
Updated: March 04, 2022 02:10:43 pm
- रूस हमले के सात दिन बाद बुरहानपुर पहुंचा
बुरहानपुर. यूक्रेन हमले में फंसे बुरहानपुर के उबैद पिता समीर खान सात दिन बाद बुरहानपुर लौट आया। गांधीचौक में अपने घर आते ही अपने परिजनों से गले लग गया। पिता ने कहा अब सुकून आया। घर में खुशी का माहौल हो गया। आसपास के लोग और भाजपा नेता मनोज लधवे भी उबैद का स्वागत करने पहुंचे।
उबैद ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वह यूनिवर्सिटी की छुट्टी होने से पांच माह पहले बुरहानपुर आया था। फिर कुछ दिन बाद यूक्रेन पढ़ाई के लिए चला गया था। यहां उसकी एमबीबीएस के चौथे वर्ष की पढ़ाई चल रही थी। पिछले कुछ दिनों से लगातार रूस का यूक्रेन पर हमला करने की खबर सुनकर चिंता भी हो रही थी, यहां परिजन भी परेशान थे। आखिरकार 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया इसके बाद तो पूरा यूक्रेन सहम गया और हम भी घबरा गए।
दोस्त साथ होने से बंधी रही हिम्मत
उबैद ने बताया कि हमले के बाद हम 50 के करीब दोस्त साथ थे, इससे हमें एक दूसरे से हिम्मत बंधी थी। राहत यही थी कि हम जहां पोलटावा शहर में रह रहे थे, उसके 50 किमी दूर के शहरों में यह हमले हो रहे थे। फिर भी हमने यहां से निकलने का मन बना लिया। दूसरे दिन 25 फरवरी को यहां से निकल गए। पौलेंड पहुंचने के बाद यहां दो दिन रहे फिर भारत सरकार की मदद से हम दिल्ली पहुंचे यहां से इंदौर फ्लाइट से आने के बाद बाय रोड बुरहानपुर पहुंचा।
जब हमला हुआ मैं पोलटावा में था। 50 किमी की दूरी की आसपास के शहर में था। हम थोड़े घबरा गए थे। हमारी यूनिवर्सिटी से स्टेशन 10 किमी दूर टैक्सी से गए थे। ट्रेन से 880 किमी वेवी शहर पहुंचे। वहां से बस से 70 किमी पौलेंड की सीमा था, 30 किमी तक बस से पहुंचे, 20 किमी पैदल चलकर पौलेंड की सीमा पर पहुंचे। पौलेंड में प्रवेश किए तो भारतीय दूतावेस से अफसर ने आकर संपर्क किया। यहां हमें एक होटल में रुकाया जो एक कैंप के रूप में बनाई गई थी। पौलेंड में 2 दिन रहा। पौलेंड से दिल्ली 9 घंटे लगे। बुधवार सुबह दिल्ली उतर गया था। दिल्ली से इंदौर तक आए।
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