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व्यापार, रोजगार और भविष्य की चिंता बन रही हजारों परिवारों में तनाव का कारण

locationबुरहानपुरPublished: May 15, 2021 12:01:58 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

व्यापार, रोजगार और भविष्य की चिंता बन रही हजारों परिवारों में तनाव का कारण

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सेंधवा. कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में लगातार कमी के चलते जल्द ही बाजार खुलने की उम्मीद है। कई व्यापारी संगठन अपने स्तर पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर लॉकडाउन में रियायत देने की मांग कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण हजारों परिवार सहित व्यापरी, नौकरी पेशा, विद्यार्थियों के सामने अपनी लय वापस पाने को लेकर तनाव है।
नगर में कई परिवार ऐसे हैं, जिनके मूल व्यवसाय कुछ अलग है, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्होंने परिवार का पालन पोषण करने के लिए मजबूरी में व्यवसाय बदल लिया है। कोई सब्जी बेच रहा है तो किसी ने फल का सप्लाय शुरू किया। कई परिवार सहित युवा बाइक पर मास्क बेचने को मजबूर हैं। कई लोग ऐसे भी थे जो समाज में शर्मिंदा नहीं हो उन्होंने नगर के बाहर जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी बेची, भंगार खरीदा। बेसहारा परिवारों की मदद के लिए समाजसेवी आगे
आए थे।
विद्यार्थियों के भविष्य पर संक्रमण का साया : सेंधवा सहित जिले में हजारों परिवारों को रोजगार के अलावा दूसरी सबसे गंभीर चिंता बच्चों की पढ़ाई की सता रही है। कोरोना की पहली लहर के बाद से स्कूलों में ताले लगे हैं। ऑनलाइन क्लास के नाम पर स्कूलों द्वारा फीस वसूली की जा रही है। कई स्कूलों में तो परिजनों पर दबाव बनाने सहित ऑनलाइन कक्षाओं में नहीं बैठाने की बात तक कही जा रही है। कई परिजन निजी स्कूलों के बाहुबली प्रबंधकों के डर से अपील नहीं कर पा रहे हंै। ऐसे में परिजन तनाव में हैं। हालांकि निजी स्कूलों में शासन की गाइड लाइन का कितना पालन किया जा रहा है, इसकी समीक्षा करना जरुरी है। हालांकि स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि कई बच्चों ने पिछले वर्ष की फीस भी जमा नहीं की है।
बाजार खुलने के बाद सख्ती से गाइड का पालन कराएं
कोरोना की पहली लहर के बाद जब संक्रमण में कमीं रही तब बाजार खोला गया था। व्यापार अपनी लय पकड़ चुका था, लेकिन दूसरी लहर ने फिर लॉकडाउन लगाने पर मजबूर कर दिया था। पहली लहर के बाद जब बाजार खुला। उसके बाद व्यापारियों, आम लोगों सहित जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही दूसरी लहर ने समाज को चपेट में ले लिया। जब बाजार में गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा था, तब जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई खास एक्शन नहीं लिया। वहीं लोगों की लापरवाही फिर भारी पड़ गई। अब मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस नियम का पालन करने में लापरवाही हुई तो तीसरी लहर भी आना तय है।
कुछ शर्तों पर लॉक डाउन खोलने की मांग
जिला प्रशासन के आदेशानुसार 17 मई की सुबह तक बड़वानी जिले मे लॉकडाउन है। सोमवार से कुछ अनिवार्य शर्तों के साथ दिन का लॉकडाउन हटा लेना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता बीएल जैन ने शुक्रवार को ई मेल से कलेक्टर बड़वानी को पत्र प्रेषित कर ये मांग की है। उन्होंने बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए जिले की जनता गत 35 दिनों से लॉकडाउन के दौर से गुजर रही है। इस कारण से समाज का गरीब तबका ही नहीं मध्यमवर्गीय परिवारों की हालात भी बिगड़ी है। काम धंधे ठप पड़े है। रोजगार से लेाग वंचित है। अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है। मंहगाई की मार से आम जनता परेशान है, लेकिन वर्तमान में स्थितियां अब काफी नियत्रंण में आ चुकी है, इसलिए व्यापक जनहित मे दिन का लॉकडाउन अनिवार्य शर्तों के साथ हटा लेना चाहिए।
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