बता दें कि सोमवार रात एक बार फिर पांधार एरिया, ई-टाइप, सम्राट अशोक नगर और सात नंबर गेट में रात के अंधेरे में फिर कुछ परिवारों के लोगों के आने की सूचना मिली और इसकी जानकारी मंगलवार देर शाम तक न तो पुलिस-प्रशासन को दी गई और न ही परिजनों ने जागरुकता दिखाते हुए अपने रिश्तेदारों की सेहत की जांच कराई। इस लापरवाही का खामियाजा आसपास के रहवासियों को भुगतना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि रविवार रात को भी एक परिवार में इंदौर से बाइक से दो सदस्य पहुंचे थे, जिसकी सूचना किसी जागरूक रहवासी के एसडीएम को देने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी को न सिर्फ होम क्वारेंटाइन किया गया, बल्कि इनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया गया।
कई बार की जा चुकी है अपील
गौरतलब है कि कई बार इस तरह अपील पुलिस-प्रशासन ने नगरवासियों से की है कि जैसे ही किसी के घर में बाहरी व्यक्ति के आने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस-प्रशासन को दें। वैसे तो यह उस परिवार की ही जिम्मेदारी है जिनके यहां बाहर से कोई रिश्तेदार या परिचित आते हैं तो वे उसकी सूचना देते हुए उन सदस्यों की जांच कराने के बाद कम से कम 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रखे, लेकिन लोग लाख समझाइश के बावजूद लापरवाही बरतते हुए जानकारी छुपा रहे हैं। इस संबंध में एसडीएम विशा माधवानी कई बार वीडियो के माध्यम से भी अपील कर चुकी हैं, बावजूद इसके इस तरह के घटनाक्रम नहीं रुक पा रहे हैं।
नगर में सोमवार रात को पुलिस ने आंबेडकर तिराहे पर मजदूरों से भरा एक ट्रक रोका। जिसमें करीब 34 मजदूर सवार थे। पूछताछ में पता चला कि ये लोग सनावद में गेहूं काटने गए थे और लॉकडाउन होने के कारण लोक परिवहन का कोई साधन नहीं मिलने पर परेशान होकर अपने घर लौटने के लिए उन्होंने ट्रक में बैठकर वापस घर जाने के रास्ता अपनाया। दरअसल ये सभी मजदूर साईखेड़ा के हैं, इसमें कई बच्चे भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे दो दिन पहले भी रविवार को जलगांव की तरफ से कुछ लोग नगर में आए थे, जिन्हें नगर पालिका की टीम ने रोक कर उनकी जांच कराई और हाथ धुलवाने के बाद भोजन कराकर उनके गांव रवाना कराया। इस तरह की घटनाएं रोजाना हो रही हैं। दरअसल, अपने घरों से कई किमी दूर फंसे ग्रामीणों की रहने और खाने की परेशानी के चलते वे अपने घरों की तरफ लौटने के जतन कर रहे हैं और उन्हें जो और जैसा साधन मिल रहा है, वे उससे लौट रहे हैं, लेकिन ऐसे में सामूहिक संक्रमण के फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए नगर से जुडऩे वाली बाहरी सीमाओं को सील किया जाना अति आवश्यक हो गया है।