scriptonline Study – बच्चों के पास लैपटॉप व डेस्कटॉप का अभाव, आसान नहीं ऑनलाइन एजुकेशन की राह | Children lack laptop and desktop, path to online education is not easy | Patrika News

online Study – बच्चों के पास लैपटॉप व डेस्कटॉप का अभाव, आसान नहीं ऑनलाइन एजुकेशन की राह

locationबुरहानपुरPublished: Jun 02, 2020 03:27:12 am

Submitted by:

tarunendra chauhan

सरकारी स्कूल के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में इलेक्ट्रानिक संसाधन बन रहे बाधा

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बुरहानपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते स्कूल बंद हैं। विद्यार्थियों की परीक्षा भी पूरी नहीं होने से बच्चों को जनरल प्रमोशन देकर अगली कक्षाओं में प्रवेश देकर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा यह है कि कई विद्यार्थियों के पालकों के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप और इंटरनेट कनेक्शन न होना है। ऐसे विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। स्कूलों ने जूम एप से पढ़ाना तो शुरू कर दिया है, जिसमें 45 मिनट की ऑनलाइन क्लास ली जा रही है। सुविधाओं के अभाव में कुछ विद्यार्थी ही क्लास में शामिल हो पा रहे हैं।

निजी स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई शुरू होने के बाद भी लॉकडाउन के चलते विद्यार्थियों को नई किताबें नहीं मिली हैं। स्कूलों में ऑनलाइन जो पढ़ाया जा रहा है, उसे समझने के लिए किताबों की दरकार है। पुस्तको के अभाव के चलते शिक्षक जो समझा रहे हैं, विद्यार्थियों के समझ में नहीं आ रहा है। लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर निजी स्कूल काफी आगे हैं, निजी स्कूलों के बच्चों के पास जहां स्मार्ट फोन तो है, लेकिन लैपटॉप, टैबलेट व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की कमी है। वहीं सरकारी स्कूलों के अधिकांश बच्चों के पास इन सबका अभाव है।

वॉट्सऐप, रेडियो और टीवी से करा रहे पढ़ाई
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की लॉकडाउन में पढ़ाई जारी रखने के लिए सोशल मीडिया वॉट्सऐप के साथ ही टेलीविजन और रेडियो के माध्यम से भी पढ़ाया जा रहा है, लेकिन विद्यार्थी इस पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिले के बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई आखिर कैसे होगी। खकनार, धूलकोट आदिवासी अंचल में तो आज भी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, ऐसे में ये विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करेंगे।

ग्रुप के लिए शिक्षकों के पास बच्चों के नंबर ही नहीं
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के पास बहुत से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के नंबर ही नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई पर संकट आ गया है। राज्य शिक्षा केंद्र व्हाट्सएप पर विद्यार्थियों के लिए शिक्षण सामग्री उपलब्ध करा रहा है, लेकिन यह गु्रप में शामिल विद्यार्थियों को ही मिल रही है, जबकि गु्रप से बाहर रहने वाले विद्यार्थियों का पढ़ाई का कोई लाभ नहीं हो रहा है। शासकीय और निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी ऑनलाइन पढ़ाई से प्रभावित नहीं हो रहे हैं।

डीजीलेप ग्रुप के माध्यम से विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, जिन विद्यार्थियों के पास मोबाइल नहीं है उन्हें टेलीविजन से शिक्षा दे रहे हैं। शिक्षकों के साथ ही कक्षावार गु्रप बनाए हैं। सभी गु्रपों की मॉनिटरिंग की जा रही है, शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उमाकांत भिरूड़, एपीसी बुरहानपुर

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