भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए महापौर ने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से नगर निगम की हालत खराब हो गई है। बजट कम कर दिया है। इस साल बजट में 4 करोड़ 15 लाख रुपए कम कर दिए। नगर निगम को उसके हक का पैसा नहीं दिया गया। महापौर ने कहा कि भाजपा सरकार के रहते 15 साल से सुचारू रूप से विकास चल रहा था, गरीबों के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा था, जो वर्तमान में ठप हो चुकी हैं। 2011 की जनगणना के आधार पर जो निगम के हक के रुपए हैं वह सरकार के माध्यम से नहीं मिल रहा है। चुंगी क्षतिपूर्ति 2018 में 19 करोड़ 49 लाख 69 हजार 911 रुपए थी, जो इस साल 16 करोड़ 23 लाख 49 हजार रुपए दिए। 4 करोड़ 66 लाख रुपए कम प्राप्त हुआ। जलप्रदाय में जो सामग्री लगती है, उसके वर्क ऑर्डर लेकर दुकानदार के पास जाते हैं, वह सामान नहीं देते। लोगों को लगता है कि निगम के पास पैसा नहीं है, जिसके पास पैसा नहीं उसे कोई उधार देता नहीं।
महापौर ने कहा कि ठेकेदारों का ढाई करोड़ रुपए का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। ठेकेदार नगर निगम के दरवाजे पर आकर खड़े हो रहे हैं। रुपया मांग रहे हैं, कहां से देंगे। बुरहानपुर की जनता के साथ अन्याय नहीं किया जाना चाहिए। ये स्थिति सरकार बनने के बाद से हो रही है। सरकार के एक साल पूरा होने के बाद अपनी बात रख रहा हूं। पिछले और इस साल का बजट देखिए। यह सब जनता को बताना चाहता हंू। सरकार रुपया नहीं देगी तो आंदोलन करेंगे। इधर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय रघुवंशी के अनुसार महापौर की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। पूरा भ्रष्टाचार करके रखा है। पूरे शहर को खोद दिया। कमीशन नहीं मिल रहा है, इसलिए महापौर जानबूझकर इस तरह के बयान दे रहे हैं।