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केला फसल पर सीएमवी वायरस, अफसर बोले मौसम परिवर्तन का असर

locationबुरहानपुरPublished: Sep 14, 2021 11:16:16 am

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– विज्ञानिकों ने किया खेतों का दौरा

CMV virus on banana crop, the officer said the effect of climate change

CMV virus on banana crop, the officer said the effect of climate change

बुरहानपुर. जिले की प्रसिद्ध केला फसल पर फिर कुकुंबर मोजेक वायरस (सीएमवी) का असर देखने को मिल रहा है। नए पौधे में वायरस मिलने के बाद उद्यानिकी विभाग ने विज्ञानिकों के साथ खेतों में पहुंचकर दौरा शुरू कर दिया। खेत में लगे पौधों को बचाने के लिए किसान वायरस लगे पौधों को उखाड़कर फेंक रहे हैं। पिछले साल वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में कंपनी से ही आईटिश्यू में वायरस होने की बात कही थी। लेकिन अब तक इस पर कोईकार्रवाई नहीं हुई। अब अफसर मौसम परिवहन का कारण बता रहे है।
उद्यानिकी विभाग अधिकारी आरएनएस तोमर ने बताया कि मौसम में आए परिवर्तन के चलते केला फसल पर वायरस का प्रकोप अधिक मात्रा में देखने को मिल रहा है। लगातार बारिश होने से 25 से 26 डिग्री तापमान और 80 से 90 प्रतिशत अद्रता के कारण पौधों को नुकसान हो रहा है। अंबाड़ा के साथ शाहपुर क्षेत्र में भी केला फसल पर सीएमवी वायरस का अटैक देखने को मिल रहा है। यह वायरस केले के नए पौधों में अधिक हैं। सोमवार को कृषि विभाग केंद्र के डॉक्टर भूपेंद्रसिंह, डॉक्टर कर्तिके सिंह के साथ शाहपुर, दापोरा के खेतों का भ्रमण कर पौधों की स्थिति देखकर किसानों से चर्चा की गई। केले के पौधों में वायरस देखने के बाद किसान वायरस से ग्रसित पौधों को खेत से निकालकर नष्ट कर रहे हैं, ताकि यह वायरस दूसरे पौधों तक न फैले।
यह है वायरस के लक्षण
केले की पत्तियों पर हरी पत्ती खराब होने से पीली रंग की रेखाएं बनने के साथ ही चमकदार धब्बे दिखाइ दे रहे है। पानी लगने पर पौधा सड़ा हुआ या जला हुआ दिखाई देता है।समय पर वायरस की पहचान नहीं करने से यह पौधों में तेजी के साथ फैलकर अन्य पौधों को भी नष्ट करता है। इस वायरस से सबसे अधिक छोटे और नए पौधें प्रभावित होते है।
पिछले साल की अब तक कार्रवाई नहीं
पिछले साल भी केला फसल पर इसी वायरस ने अटैक किया था। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में कंपनी से ही आए टिश्यू में वायरस होने की पुष्टि की थी। उद्यानिकी विभाग ने कंपनी को नोटिस भी जारी किए। लेकिन बाद में पूरा मामला हवा हो गया।

वायरस से बचाव के उपाए
– संक्रमित पौधों को जड़ सहित उखाड़कर खेत से दूर फेंके या जला दें।
– केली के साथ टमाटर, साग भाजी फसलों को नहीं लगाए
– खेतों से बेले वाली सब्जी निकाल कर साफ करे
– बीमारी फैलाने वाले किटों के नियंत्रण के लिए रसायन का छिडकांव करें
– इमिडाक्लोप्रिड 6एमएल, एसीफेट 15 ग्राम, सटीकर 15 एमएल, नीमतेल 50 एमएल को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करे
– नए केली के पौधों को सीएमवी वायरस देखने को मिल रहा है, विज्ञानिकों के साथ खेतों का निरीक्षण कर किसानों को सलाह दे रहे है।
आरएनएस तोमर, उपसंचालक उद्यानिकी विभाग

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