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Tribals victory – आदिवासियों के आगे झुका विभाग, दो नाकेदार निलंबित, आंदोलन भी स्थगित

locationबुरहानपुरPublished: Sep 20, 2020 01:27:39 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

नाकेदारों और रेंजर पर एफआइआर की भी मांग, नहीं तो पांच दिन बाद फिर अंदोलन 16 सितंबर से थाना और एसडीओपी कार्यालय घेरकर बैठे थे आदिवासी

tribals protest

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बुरहानपुर. नेपानगर में आदिवासियों के चार दिन से चल रहे अंदोलन के आगे आखिरकार वन विभाग को झुकना पड़ा। दो नाकेदार रूपा मोरे और राजू सोलंकी को निलंबित करने के बाद सभी जाग्रति आदिवासी दलित संगठन ने अपना अंदोलन स्थिगित किया और चेतावनी भी दी कि पांच दिन में दोनों नाकेदार सहित रेंजर पर एफआईआर नहीं की गई तो फिर से जेल भरो अंदोलन शुरू किया जाएगा।

दरअसल संगठन का कहना था कि वन विभाग द्वारा 29 एवं 30 अगस्त को वन अधिकार दावेदारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से रास्ते एवं कोर्ट में से उठाया गया, इसके बाद उन्हें रेंजर ऑफिस में बंधक बनाया गया, जो कि गैर कानूनी है। रेंजर ऑफिस एक अधिकृत हिरासत केंद्र नहीं है। रेंजर ऑफिस में कैलाश जमरे एवं प्यारसिंह वास्कले को यह कह के बर्बरता पूर्वक मारा गया। इसी के विरोध में आदिवासी संगठन एकजुट होकर वनकर्मियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गया। चार दिन के अंदोलन के बाद डीएफओ गौरव चौधरी ने दो नाकेदारों को निलंबित करने के बाद आदिवासियों ने आंदोलन खत्म करने की बात कही, लेकिन दोनों नाकेदारों और एक रेंजर के खिलाफ एफआईआर की भी मांग की गई है। प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि अगर एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो आदिवासी फिर अंदोलन करेंगे। गौरतलब है कि 16 सितंबर से जागृत आदिवासी दलित संगठन के माध्यम से आदिवासी एसडीओपी कार्यालय और नेपानगर थाने का घेराव करके बैठे थे। शनिवार को बुरहानपुर के नाकेदार रूपा मोरे और राजू सोलंकी के निलंबन के बाद आदिवासियों ने अपना अंदोलन खत्म किया। ग्राम सीवल, मांडवा, बदनापुर, डवाली, नावथा, हसनपुरा, झांझर, असीरगढ़, घाघरला सहित अन्य गांवों के आदिवासियों ने यहां थाने और एसडीओपी कार्यालय और नेपानगर थाने का घेराव किया था।

दलित आदिवासी संगठन की ओर से कहा गया कि पिछले तीन महीने से जंगल कटाई की शिकायत के बावजूद कटाई के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। जो लोग सामने आकर कटाई का विरोध कर रहे हैं और वन विभाग की सुस्ती पर सवाल उठा रहे हैं विभाग द्वारा उन्हीं पर बदले की कार्रवाई की जा रही है। अवैध कटाई की आड़ में पात्र दावेदारों को बदनाम किया जा रहा है। संगठन ने वन कटाई करने वाले लोगों पर सख्ती से कार्रवाई की मांग की।

अंदोलन का नेतृत्व कर रही माधुरी बेन ने कहा कि यह आदिवासियों की सालों की पीड़ा है। प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि यह जांच और कार्रवाई समय पर विधिवत होगी। यदि यह लोग यहां नहीं आते तो यह जांच ही नहीं शुरू होती। आगे भी अगर इसी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाएगी तो यह आदिवासी फिर यहां आकर अंदोलन करेंगे। इस दौरान एसडीएम विशा माधवानी भी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि वन विभाग प्रारंभिक जांच में दो लोगों के नाम बार-बार सामने आए इस आधार पर वन विभाग ने दो वनकर्मियों को निलंबित कर दिया है। आगे की जांच जारी है।

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