बुरहानपुरPublished: Nov 13, 2017 12:54:29 pm
ranjeet pardeshi
– असीरगढ़ के पास हुआ हादसा- भैस चरवाहे ने पहुंचाया अस्पताल
Girl running outside the door playing with moving train left alive
बुरहानपुर. जाको राखे साइया मार सके न कोई यही हुआ एक बालिका के साथ, जो असीरगढ़ के पास चलती ट्रेन में खेलते हुए दरवाजे के बाहर गिर पड़ी लेकिन वह जिंदा बच गई। एक भैस चरवाहे ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। घटना के बाद लोगों की भीड़ लग गई। जबकि माता-पिता मालगाड़ी से निंबोला पहुंचे जब तक बालिका अस्पताल जा चुकी थी। बाद में परिजन ऑटो में सवार होकर अस्पताल गए।
दिल्ली-रेल मार्ग पर बुरहानपुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर असीरगढ़ के पास रविवार शाम 4.30 बजे 15564 डाउन उधना.जय नगर एक्सप्रेस की बोगी में अपने परिजन के साथ यात्रा कर रही बिहार के गया जिले की दो साल की बालिका रोशनी पिता संदीप कुमार बोगी में खेलते हुए गेट से नीचे गिर गई।
रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे गैंगमैन के अनुसार दुर्घटना के समय ट्रेन करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही होगी। बालिका के गिरते ही परिजन और बोगी में सवार यात्रियों की चीख निकल पड़ी। बालिका को देख उसकी मां पिता ने भी कूदने की कोशिश की लेकिन यात्रियों ने उन्हें पकड़ लिया। लोगों ने तत्काल चेन पुलिंग की। इस दौरान ट्रेन की रफ्तार अधिक होने से वह चांदनी रेलवे स्टेशन पर जाकर रुकी। इधर बालिका को गिरते हुए भैस चरवाहे सुनील यादव ने देख लिया। सुनील ने तत्परता दिखाते हुए 108 एंबुलेंस निंबोला पुलिस को बुलाया और बालिका को तत्काल शासकीय नेहरू अस्पताल भेजा। आरपीएफ एसआई एसपी यादव ने बताया बालिका के सिर में गंभीर चोट लगी है। प्राथमिक इलाज के बाद उसे इंदौर रैफर कर दिया। रोशनी के पिता संदीप सूरत के पावरलूम में काम करते हैं। रविवार को वे अपने घर ग्राम मेहमूदपुर जिला गया जा रहे थे। आपको बता दे कि नेपा से बुरहानपुर तक का रेलवे मार्ग मोड़ वाला होने से आए दिन यात्री यहां गिरते हैं। चलती ट्रेन में दरवाजे पर खड़े यात्री अक्सर झोल के कारण गिर जाते हैं। इस मामले को कई बार लोगों ने रेलवे के अफसरों को भी अवगत कराया है।