बुरहानपुर

बकरी के दूध का साबुन : बगैर साइड इफेक्ट त्वचा में लाएगा गजब का निखार

महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए अब ऐसी सामग्रियों का निर्माण करना सीख रही है, जिससे न सिर्फ वे दो पैसा कमाएंगी, बल्कि उसका उपयोग करने से उपभोक्ताओं को भी काफी फायदा होगा.

बुरहानपुरMar 04, 2022 / 01:01 pm

Subodh Tripathi

बकरी के दूध का साबुन : बगैर साइड इफेक्ट त्वचा में लाएगा गजब का निखार

खंडवा. मध्यप्रदेश की ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए अब ऐसी सामग्रियों का निर्माण करना सीख रही है, जिससे न सिर्फ वे दो पैसा कमाएंगी, बल्कि उसका उपयोग करने से उपभोक्ताओं को भी काफी फायदा होगा, ऐसा ही कुछ कर दिखाया खंडवा जिले की महिलाओं ने, उन्होंने बकरी के दूध से ऐसा साबुन बना दिया है, जो पूर्ण रूप से केमिकल मुक्त हैं, ये साबुन प्राकृतिक होने के कारण त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएगा और गजब का ग्लो भी लाएगा।


दरअसल, कौशल भारत-कुशल भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा महिलाओं का आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में महिलाएं भी कुछ कर गुजरने की लालसा में ऐसे हुनर सीख रही हैं, जिससे वे नाम के साथ पैसा भी कमाएं, ऐसा ही कुछ कर दिखाया इन महिलाओं ने, चूंकि आजकल अधिकतर युवतियां अपनी स्किन के अनुसार अलग अलग प्रकार के साबुन इस्तेमाल करती है, महिलाओं को कई अच्छी कंपनियों के साबुन भी पसंद नहीं आते हैं, क्योंकि वे उनकी त्वचा के लिए नुकसानदायक होते हैं, इसलिए वे ऐसा साबुन तलाशती हैं, जिससे उनकी त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो और त्वचा में निखार भी आए। ऐसे में बकरी के दूध से बना ये साबुन हर प्रकार की त्वचा के लिए फायदेमंद होगा।

नहीं होगा साइड इफेक्ट
चूंकि बाजार में मिलने वाले साबुनों में विभिन्न प्रकार के केमिकल भी होते हैं, जिनके रोजाना उपयोग से त्वचा पर भी प्रभाव पड़ता है, साबुन के अधिक उपयोग से त्वचा कई बार रूखी और बेजान भी हो जाती है, लेकिन आप अगर प्राकृतिक चीजों से बने साबुन का उपयोग करेंगे, तो निश्चित ही आपकी त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा और त्वचा में ग्लो भी आएगा।

जावर महिला समूह ने बनाया साबुन
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण रूप से स्व सहायता समूह बनाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। खंडवा जिले में भी सैकड़ों की संख्या में महिला समूह हर क्षेत्र में कार्य रहे हैं। वहीं जावर महिला समूह द्वारा बकरी के दूध से उच्च क्वालिटी का साबुन बनाया जा रहा है।


महिलाओं ने बनाया हर्बल साबुन, नहीं होता केमिकल का उपयोग
कौशल भारत-कुशल भारत अभियान के तहत खंडवा जिला पंचायत सीईओ महेन्द्र घनघोरिया ने जावर की स्व सहायता ग्रुप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जबलपुर से विशेष प्रशिक्षक बुलाकर इन ग्रामीण क्षेत्र की बहनों को साबुन तैयार करने का प्रशिक्षण दिलवाया। महिलाओं ने तन्मयता के साथ इस प्रशिक्षण में हर्बल साबुन बनाना सिखा। ये महिलाएं दिनभर अपने-अपने घरेलु कार्य करने के बाद साबुन बनाने का प्रशिक्षण लेकर एक से बढ़कर एक साबुन तैयार कर रही है। इन साबुन को बनाने के लिए किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नही किया गया है। बल्कि नीम, आंवला, एलोवेरा, तुलसी, वनिला, आरेंज, तरबूज डेहलिया और बकरी के दूध को मिलाकर इसे तैयार किया जा रहा है। इन साबुन को देखने के बाद इसकी खुशबू और खूबसूरती दोनों ही आपको अपनी ओर आकर्षित करेगी। प्रशिक्षण ले रही समूह की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रशिक्षण पाने वाली महिलाएं अपने जीवन में आत्म निर्भरता की इस नई पाठशाला में प्रशिक्षण से काफी खुश है।

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