Webinars - न्यायाधीश ने कहा- गरीबों और एससी-एसटी के लिए शासन देता है नि:शुल्क पैरवी की सहायता
वेबिनार में बताया संविधान का महत्व

बुरहानपुर. शासकीय महाविद्यालय नेपानगर में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान स्वीकृत किया गया था। इस अवसर पर अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकारण नरेंद्र पटेल ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। संविधान हमारे अधिकारों का संरक्षक है। संविधान हर व्यक्ति के लिए न्याय एवं अधिकारों की व्यवस्था करता है। उन्होंने कहा कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिसमें विशेषकर एससी, एसटी एवं महिलाओं के लिए पैरवी करने के लिए नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। कार्यक्रम का संचालन यजुवेंद्र सिंह सोलंकी ने किया एंव आभार संजीव कुमार सपकाले ने व्यक्त किया।
कानून का सम्मान एवं पालन करें
पटेल ने बताया कि आज हम आजाद भारत में स्वांस ले रहे हंै, तो उसके मूल में कही न कही संविधान का निर्माण कर हर भारतीय को गौरवांन्वित होने का अवसर दिया है। हमें संविधान के अनुसार बने कानूनों का पालन करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. एमआर चौहान ने कहा कि संविधान बनाने की आवश्यकता इसलिए महसूस हुई क्योंकि अंग्रेजों के अत्याचार एवं शोषण से भारतीय जनमानस ऊब चुका था और अंग्रेजी हुकूमत से आजादी चाहता था। अंग्रेज इसके लिए तैयार नहीं थे। उनका मानना था कि भारतीय न शासन करने योग्य है और न की संविधान का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अंग्रेजों के घमंड को चकनाचूर करते हुए विश्व का सबसे बड़ा संविधान रच डाला। यही हमारे जनमानस का प्रतिनिधित्व करता है, हमें इसका पूरे मन से सम्मान करना चाहिए।
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