प्राचीन वस्तु के लिए वैद्य सुभाष ने पुना तक के बाजार को खंगाल लिया। जहां से भी प्राचीन शहर, मुगल राज से लेकर ब्रिटिश और सिंधिया राज तक की सामग्री मिली उसे संग्रहित करते चले गए। आज इनके पास कई प्राचीन वस्तुओं का संग्रहण हो गया, जो बुरहानपुर के इतिहास को दर्शाता है।
नया पंखा दे आए पुराने ले आए
वैद्य सुभाष को प्राचीन वस्तु रखने का इतना जुनून है उन्होंने किसी के घर पर ब्रिटिश समय का पंखा लगा देखा, जो बंद हाला में था। इसके लिए वैद्य माने उनके घर नया छत पंखा दे आए और उससे पुराना पंखा घर लाकर चालू कर लिया। इनके पास कई प्राचीन सिक्कों के अलावा ब्रिटिश समय की पान दानी, पानी मसानी, स्टोव, सरोते, सिगड़ी, प्राचीन मूर्तियां आदि सामग्री है। कई प्राचीन सामग्री तो उन्हें बर्तन बाजार से मिली, जहां लोग पुराने समय के बर्तन देकर स्टील के ले जाया करते हैं।
प्राचीन वस्तु सहेजने में मेहनत लगी
वैद्य सुभाष माने ने कहा कि घर छोटा था, प्राचीन वस्तु घर लाए तो रखने की बहुत दिक्कत थी। शुरू में तो परिवार के लोग भी नाराज होते थे, लेकिन धीरे धीरे जब इसकी अहमियत समझी तो सभी का साथ मिला। इसी विरासत ने ग्वालियर में प्रदेश स्तर पर सम्मान दिलाया। बुरहानपुर में बुरहानपुर गौरव और ताप्ती रत्न का सम्मान मिला।