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नदी नालों से जेसीबी से अवैध खनन, कैमरा चमका तो रेत वापस नदी में डाली

locationबुरहानपुरPublished: Sep 18, 2017 12:44:47 pm

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– और जेसीबी लेकर रफूचक्कर हो गए – नदियों के घाटों से प्रतिबंध के बावजूद रेत का अवैध खनन- पत्रिका स्टिंग-

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बुरहानपुर. मानसून सत्र में रेत के खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध के बावजूद नदी-नालों से रेत का अवैध खनन चल रहा है। मोहद में जब ग्रामीणों की शिकायत पर पत्रिका टीम पहुंची तो पाया कि मोतियादेव तालाब की नदी से जेसीबी से रेत खनन कर सीधे डंपर में भरी जा रही थी।यहां मौजूद जब ठेकेदार से अनुमति होने की बात कर कागज नहीं दिखा पाया और बाद में जेसीबी से सारी रेत वापस नदी में डालकर चलते बने।
रेत का काला कारोबार जिले में खूब फल फूल रहा है। इनका नेटवर्क इतना फैल चुका हैकि अफसरों से पहुंचने से पहले यह गायब हो जाते हैं। मोहद के मोतियादेव तालाब पर अवैध खनन का काम कईदिनों से चल रहा है। यहां मौजूद ठेकेदार से पूछा रेत खनन क्यों कर रहे हैं, तो वह बोला मैं खुद सेठ हूं और इसकी हमारे पास अनुमति है। सावरियां कंस्ट्रक्शन के नाम से ठेका लेकर पुल का निर्माण कर रहे हैं। लेकिन कैमरा चलने के बाद रेत वापस जेसीबी से नदी में डाल दी गईइसके पूरे वीडियो बनाए गए। इधर खनिज विभाग से जानकारी निकाली तो अफसरों का कहना हैकि फिलहाल तो रेत का खनन पूरी तरह बंद है अगर पीडब्ल्यूडी ने अनुमति दी भी होगी तो हमारे संज्ञान में मामला लाना जरूरी होती है।लेकिन इस तरह की कोईजानकारी हमें नहीं दी गई।
सभी घाटों पर चल रहा खनन
मोहद ही ऐसा गांव नहीं हैजहां पर रेत खनन का काम चल रहा है। बल्कि सभी घाटों पर रात दिन रेत खनन किया जा रहा है। नागझिरी, हतनूर, नेपानगर, खकनार, राजघाट, ताप्ती छोटा पुल, सतियारा घाट, जैनाबाद पर दिन में ही रेत से भरी ट्रॉलियों का आवागमन आसानी से देखा जा सकता है। अफसरों ने यहां पर घेराबंदी कर कार्रवाईकरने के बाद भी यह नहीं सुधरे।
घाटडूबने से पिछले पांच दिन से बंद हैखनन
एक रात में औसतन ८ से १० लाख रुपए का अवैध खनन किया जा रहा है। घाटों से १५० से अधिक ट्रॉलियां भरकर शहर में डाली जा रही है। रेत पर प्रतिबंध होने के बाद अवैध रेत माफिया अब अधिक दामों में रेत बेच रहे हैं। फिलहाल पिछले पांचदिन से ताप्ती के घाटडूबने से रेत का खनन बंद है, लेकिन यह खुलते ही वापस ट्रॉलियां दौडऩे लगेगी।
अधिकांश ठेकेदार नहीं लेते अनुमति
रोडहो या पुल निर्माण अधिकांश ठेकेदार रेत खनन की अनुमति नहीं लेते। जब कोईग्रामीण इनका विरोध करता है तो यह अनुमति की बात करते हैं, जबकि इनके पास किसी प्रकार की अनुमति नहीं रहती। कईठेकेदार नेता होने से अफसरों पर दबाव बनाने से भी कार्रवाईनहीं होताी है।
– मानसून सत्रमें रेत खनन पर पूरी तरह प्रतबंध है। रोड या पुल निर्माण के लिए लगने वाली रेत के लिए पीडब्ल्यूडी से अनुमति मिलती है, लेकिन वह भी खनिज विभाग के संज्ञान में लाते हैं। इस तरह की कोई अनुमति हमने नहीं दी है, न ही कोई पीडब्ल्यूडी से जानकारी मिली है।
– शिवपाल चौधरी, खनिज इंस्पेक्टर
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