दुष्कर्म के मामले में 10 साल का सश्रम कारावास
अतिरिक्त लोक अभियोजक शांताराम वानखेड़े ने बताया कि नेपानगर से 26 फरवरी 2013 को नाबालिग को आरोपी विजियन पिता नरसिंह स्वामी अपने साथ ले गया था
बुरहानपुर. नाबालिग को अपने साथ ले जाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी विजयन पिता नरसिंह स्वामी को अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक शांताराम वानखेड़े ने बताया कि नेपानगर से 26 फरवरी 2013 को नाबालिग को आरोपी विजियन पिता नरसिंह स्वामी अपने साथ ले गया था। जिसकी गुमशुदगी पीडि़ता की माता ने थाना नेपानगर मे लिखाई थी। गुम होने के बाद पुलिस ने 22 अक्टूबर 2013 को नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज कर जांच की गई थी। इस मामले मे 18 नवंबर 2014 को पुलिस ने पीडि़ता को आरोपी से बरामद किया था और आरोपी को गिरफ्तार किया था। पीडि़ता जब वापस लौटी जब उसके साथ एक पांच माह का बच्चा भी था। इस मामले मे पुलिस ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में पास्को एक्ट सहित धारा 36 3ए 36 6 एवं 376 भादवी मे अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। अदालत द्वारा सुनवाई के उपरांत यह प्रमाणित पाया कि पीडि़ता के घर से जाते समय वह अव्यस्क थी और वह आरोपी के साथ श्रीनगर मे पति पत्नी के रुप में रहे और बाद में उन्होंने शादी भी कर ली तथा पीडि़ता के साथ अव्यस्कता के दौरान शारीरिक संबंध बनने के परिणाम स्वरुप पीडि़ता गर्भवती हुई और उसने एक बालक को जन्म दिया। अदालत का यह मानना था कि देश का कानून इस बात की अनुमति नहीं देता कि 18 वर्ष से कम उर्म की लड़की के साथ किसी व्यक्ति द्वारा संबंध स्थापित किया जाए। यह कृत्य विधि द्वारा वर्जित होकर अपराध है। गुरुवार को अदालत ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरोपी को घटना दिनांक को अवस्क लड़की को उसके वैद्य संरक्षक की अनुमति के बिना ले जाना तथा उसे अपने साथ रखते हुए शारीरिक संबंध बनाने से उसे संतान उत्पन्न होना प्रमाणित पाते हुए आरोपी को धारा 36 3 भादवी मे 3 वर्ष और 250 रुपए अर्थदंड, धारा 36 6 मे 5 वर्ष और 500 रुपए अर्थदंड एवं धारा 376 भादवी के साथ पास्को एक्ट मे 10 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ 2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।