बुरहानपुर की मंडी में लगता है मजदूरों का मोल, सरकारी योजनाओं से भी वंचित
बुरहानपुरPublished: Sep 10, 2021 12:08:03 am
– मजदूरों का पंजीयन कार्ड तक नहीं
In the market of Burhanpur, the value of laborers is felt, deprived of government schemes too
बुरहानपुर. शहर में भवन निर्माण मजदूरों की मंडी लगती है, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में यह मजदूर कोसो दूर है।सुबह के समय हाथों में टिफिन लेकर खड़े मजदूरों का ठेकेदारों द्वारा मोलभाव कर दिनभर की मजदूरी तय की जाती है।
ये नजारा रोज सुबह शहर के टैंपों स्टैंड पर देखने को मिलता है। कुशलता के आधार मजदूरों को काम मिलता है। दिनभर हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी श्रम विभाग की योजनाओं और अपने अधिकारों की जानकारी भी मजदूरों को नहीं है। सुबह 6 बजे से 8 .30 बजे तक श्रमिक ठेकेदारों का इंतजार करते है। अधिकतर मजदूर दिहाड़ी पर अलग-अलग ठेकेदारों के साथ मजदूरी के लिए जाते है। शासन ने मजदूरों के लिए कलेक्टर रेट से मजदूरी तय कर रखी है, लेकिन अधिकांश मजदूरों को तय मजदूरी भी नहीं मिलती।
विभाग की अंदेखी, जागरुकता का अभाव
जिले में मजदूर वर्ग अधिक होने के बाद भी श्रम विभाग प्रभारियों के भरोसे चल रहा है। खंडवा जिले के अधिकारी को ही बुरहानपुर का प्रभार सौंप दिया गया, जबकि यहां पर श्रम अधिकारी की आवश्यकता है। योजनाओं का प्रसार प्रसार नहीं होने और निर्माण श्रमिकों में जागरुकता का अभाव होने से सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। श्रम विभाग को निगम स्तर पर शिविर लगाकर पात्र श्रमिकों का पंजीयन करना चाहिए।