बुरहानपुर

केला फसल पर करपा रोग, इलाज जरूरी नहीं तो होगा बड़ा नुकसान

– अफसर बोले अभी दिख रहे लक्षण, देना होगा ध्यान – अधिक ठंडपर बढऩे लगेगा रोग

बुरहानपुरDec 03, 2019 / 11:02 am

ranjeet pardeshi

Karpa disease on banana crop, if not necessary treatment will be a big loss

बुरहानपुर. जमीन में नमी आने के कारण जिले की मुय केला फसल पर करपा और सिगाटोका रोग होने लगा है। इसका असर कईगांव में देखने को मिला है। अफसरों ने कहा कि अब भी नहीं अलर्ट हुए तो भारी ठंडपडऩे के दौरान केला फसल पर असर पड़ेगा। यह रोग जब फसल को जकड़ेगा तो उत्पादन पर खासा असर पड़ेगा, इससे किसानों को उचित भाव भी नहीं मिलेंगे। २० हजार हेक्टेयर में रोपित केला फसल पर ध्यान देना जरूरी है, नहीं तो करोड़ों रुपए का नुकसान होगा।
कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग के फसलों के दौरे के समय यह बीमारी सामने आई। उपसंचालक उद्यानिकी आरएनएस तोमर ने कहा कि अंबाड़ा, देवरी, लिंगा, बादखेड़ा, अंधारवाड़ी, पलासूर आदि गांव में यह रोग के लक्षण देखने को मिले हैं। इस पर ध्यान देना जरूरी है। नहीं तो आगे बढऩे की पूरी संभावना है। इससे केले के पत्ते जल जाएंगे, उत्पादन गिरेगा। समय से पहले केला खेत में पकने लगेगा। मेच्योर नहीं होग तो भाव भी बेहतर नहीं मिलेंगे। इससे २५ से ३० प्रतिशत उत्पादन घटेगा।
इसलिए होती है बीमारी
उपसंचालक तोमर के अनुसार ठंडऔर बारिश के मौसम में यह बीमारी देखने को मिलती है। जमीन में नमी ज्यादा रहने पर फंगस का असर होता है। पहले यह नीचे के पत्तों पर अटैक करता है। पत्ता धीरे-धीरे पीला होकर लाल दिखने लगता है। फिर यह फंगस ऊपरी पत्तों पर भी पहुंच जाता है। केले के पौधे का वजन अगर २० किलो आना है, तो वह १५ किलो रह जाता है। चिंता की बात यह है कि यह रोग नईऔर पुरानी फसल दोनों में लग जाता है।
यह करें किसान
इस बीमारी में फुफुंद नाशक दवाई का उपयोग पत्तों पर करना चाहिए। ड्रिप से नहीं दिया जाना चाहिए। केला फसल उत्पादक कृषकों को सलाह दी हैं कि केले के नवीन बगीचे में जिन पोधों पर नीचे पत्तिया सुख गई हैं या पिली हो रही हैं उन्हें निकालकर खेत के बहार फेंक एक जगह गड्डों में इकठ्ठा कर जला दे।
यह करें दवाइयों का छिड़काव
उसके उपर 2 ग्राम बाविस्टीन दवाई, कार्बेंडाजिम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। बगीचे में जो खरपतवार हैं उन्हें निकालकर बगीचे को साफ सुथरा रखे। केले के तने पर एवं पत्तों पर कार्बेंडाजिम, बाविस्टीन 30 ग्राम दवाई एवं 50 बीनोईल ऑईल प्रति पंप में मिलाकर स्प्रे करें या केले के तने पर एवं पत्तों पर प्रोपिकोनाजोल 30 ग्राम दवाई एवं 50 बीनोईल ऑइल प्रति पंप में मिलाकर स्प्रे करें।

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