शनिवार को जिला अस्पताल में सूरत से आए मजदूरों का स्वास्थ्य चेकअप किया गया। 30 से अधिक मरीज महाराष्ट्र की सीमा से होते हुए पैदल बुरहानपुर आ गए। जबकि कुछ मजदूरों को पुलिस ने लोडिंग वाहन के साथ प्रवेश करते हुए रोक दिया। जिले से नेपानगर, खकनार, धूलकोट सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हर साल सैकड़ों मजदूर रोजगार के लिए महाराष्ट्र पलायन करते हंै। दरअसल महाराष्ट्र में कोरोना के मरीज मिलने के बाद लॉकडाउन के ऐलान होते ही ज्यादातर लोग अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। ये कामगार मजदूर ऐसे हैं जो लॉकाडाउन के बाद कामकाज नौकरी नहीं मिलने और काम बंद होने के बाद निकाल दिए गए हैंं। अब परिवार के लिए खाने.पीनी का सामान और रोजी-रोटी के अभाव होने पर में अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
रेलवे पटरी के सहारे जलगांव से पहुंचे बुरहानपुर
लॉकडाउन के कारण रेलवे और बस यातायात पूरी तरह बंद होने के बाद मजदूर अब रेलवे पटरियों के सहारे ही शहर पहुंच रहे हैं। शनिवार को जलंगाव से दो युवक 24 घंटे में 80 किलो मीटर पैदल चलकर बुरहानपुर आ गए। यहां पर रेलवे पुलिस ने युवकों की जानकारी लेकर भोजन कराया। दोनों युवक हरदा की ओर जा रहे थे।