scriptसड़क पर जन्मी लाड़ली लक्ष्मी, सोनोग्राफी के लिए भेजा था प्रसूता को | Ladli Laxmi, born on the road, had sent the child for sonography | Patrika News

सड़क पर जन्मी लाड़ली लक्ष्मी, सोनोग्राफी के लिए भेजा था प्रसूता को

locationबुरहानपुरPublished: Sep 03, 2019 10:46:36 pm

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– जिला अस्पताल में नहीं सोनोग्राफी की सुविधा, इसलिए जाना पड़ा निजी सेंटर

Ladli Laxmi, born on the road, had sent the child for sonography

Ladli Laxmi, born on the road, had sent the child for sonography

बुरहानपुर. शासकीय जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा नहीं होने से एक गर्भवती को खासी परेशानी उठाना पड़ी। एक निजी सोनोग्राफी सेंटर पर जब वह सोनोग्राफी करने पहुंची तो उसके पास आधार कार्ड न होने से वापस लौटना पड़ा, जहां प्रसूता जब बाहर निकली तो उसे दर्द होने पर प्रसव हो गया। एक माह के अंदर जिले में यह दूसरा मामला है जिसमें प्रसूता की रास्ते में ही डिलेवरी हो गई। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवति महिलाओं को सुविधाएं देने के नाम पर लाख दावे किए जाते हैं।
ग्राम बोरी निवासी प्रसूता जयंती बाई सोमवार को जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती हुई थी। प्रसव के अंतिम समय में मंगलवार को अस्पताल में सोनोग्राफी मांगी गई। शासकीय अस्पताल में सोनाग्राफी की सुविधा नहीं होने से महिला को परिजन ऑटो से ५ किलो मीटर दूर शहर में निजी अस्पताल में सोनाग्राफी कराने के लिए पहुंचे। लेकिन परिजनों के पास गर्भवती का आधार नहीं होने के कारण सेंटर सोनोग्राफी करने से इंकार कर दिया। गर्भवति को प्रसव पीड़ा होने सोनोग्राफी सेंटर के बाहर ही रोड पर प्रसव हो गया। महिला ने लाड़ली लक्ष्मी को जन्म दिया। महिला का रास्ते में ही प्रसव होने के बाद लोगों की भीड़ लग गई। तुरंत महिला को अस्पताल के अंदर पहुंचाने के बाद चेकअप कर वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया।
जिला अस्पताल में नहीं सोनोग्राफी की सुविधा
शासकीय जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी गर्भवति महिलाओंं के लिए यह सुविधा शुरु नही कराई जा रही है। लंबे समय से अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन चालू करने की मांग उठ रही है। अस्पताल प्रबंधक स्टॉफ नहीं होने की बात कह रहा है। अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन बंद होने से प्रसूताओं को मजबूर होकर निजी सेंटरों पर सोनोग्राफी कराने के लिए जाना पड़ रहा है। ऐसे में महिलाओं को हजारों रुपए का खर्च होता है।

– शासकीय एवं निजी अस्पताल संचालकों को मनावता का ध्यान रखते हुए महिला का तत्काल प्राथमिक उपचार देना चाहिए था, जो नहीं दिया गया।इ स मामले को सीएमएचओं को आदेश देकर जांच कराई जाएगी।
– काशीराम बड़ोले, एसडीएम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो