यह बोले भागवत भूषण
भागवत भूषण हरि कृष्णा मुखिया ने कहा तमसो मा ज्योतिर्गमय का सामान्य अर्थ यह है कि अंधकार से प्रकाश की ओर चलो, बढ़ो। देखा गया है कि मानव इसका गूढ़ार्थ नहीं समझ पाता। कतिपय ऋषि.मुनियों ने समझकर इसका अनुगमन किया और अपने जीवन को कृतार्थ किया है। उनमें बहुतों के नाम लिए जा सकते हैं। अंधकार को त्यागकर प्रकाश के मार्ग पर बढऩा साधना का अध्याय है। भौतिकता और सांसारिकता के व्यामोह में लिप्त व्यक्ति इस आप्त वचन को जानने को उत्सुक नहीं हैं।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं इसलिए घर में हूं
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख संतोष देवताले ने कहा कि मैं पिछले 16 दिन से अपने घर की चार दीवारी में हूं, क्योंकि मैं अपने परिवार के साथ समाज से शहर से, प्रदेश से और अपने देश से प्यार करता हूं। मैंने आज 9 दिए जलाए हैं जो डॉक्टर, पुलिस, प्रशासन, मेडिकल, सफाईकर्मी, निशुल्क निस्वार्थ जन सेवा करने वाले, आपातकालीन सेवा देने वाले बैंक कर्मी, गैस सप्लायर, पेट्रोल पंप, दूध, न्यूज पेपर, राष्ट्र के हर व्यक्ति के नाम जो देश हित में घर पर हैं और एक दिया उस ईश्वर के नाम जो हमें इस अंधकार से उजाले की ओर लेकर जाएगा, जो यह विश्वास दिलाता है कि यह जंग हम जीतेंगे जरूर।