निगम के इंजीनियर सगीर अहमद के अनुसार आलमगंज निवासी रहमान खान पिता रहीम खान ने गलत तरीके से योजना का लाभ लिया, उसने योजना की राशि से मकान तो बनाया, लेकिन योजना में जो जियो टैगिंग कराई गई थी, इसलिए उसे वसूली के लिए नोटिस भी जारी किया गया है। 2.5 लाख रुपए नहीं देने पर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
ऐसे सामने आया पूरा मामला
आरटीआई कार्यकर्ता दर्यापुर निवासी अनिल पाटिल ने इस मामले में निगम आयुक्त बीडी भूमरकर को शिकायत की थी। इसके बाद आयुक्त ने 15 जनवरी को रहमान खान पिता रहीम खान को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। इसमें आयुक्त ने पूछा की योजना के आवेदन पत्र के कॉलम नंबर 18 में जो जानकारी दी गई आप विवाहित हंै, जबकि शिकायत में आपको अविवाहित बताया है। प्रस्तुत दस्तावेज भी असत्य होने की शिकायत मिली। मामले के बाद आयुक्त ने योजना के फील्ड इंजीनियर प्रेम शुक्ला को भी पत्र जारी कर जवाब मांगा था, जिसमें पूछा गया था कि जियो टैगिंग लिंटर लेवल पर एवं कम्पलिट लेवल पर की गई। रहमान खान ने भूतल पर मकान का निर्माण किया या प्रथम तल पर इसे स्पष्ट करने के लिए कहा।
यह दिया था शुक्ला ने जवाब
आयुक्त के सूचना पत्र जारी करने के बाद भी जब शुक्ला ने जवाब नहीं दिया तो 25 जनवरी को फिर उन्हें सूचना दी गई की 24 घंटे में जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ तो सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जएगी। इसके बाद शुक्ला ने लिखित में जवाब दिया कि रहमान खान निवासी आलमगंज की जियो टैगिंग लिंटर लेवल और कम्पलिट लेवल की की गई, जिसमें स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि मकान प्रथम तल पर बनाया जा रहा है। मेरे जियो टैगिंग के पहले ही इन्हें 2.5 लख रुपए दिए जा चुके थे। जवाब आने के बाद आयुक्त ने निगम के उपयंत्री सुरेश शर्मा को पंचनामा रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए। 17 जनवरी 2020 को प्रस्तुत पंचनामा रिपोर्ट में बताया कि रहमान खान ने पक्का मकान बना हुआ है उसी के ऊपर एक कमरा लगभग 300 वर्गफुट में बनाया गया है। प्लास्टर किया हुआ है पुताई आदि कार्य होना शेष है। नवनिर्मित भवन के आगे करीब 500 वर्ग फुट भूमि खाली पड़ी हुई है। मौके पर मौजूद भवन स्वामी के परिवार के सदस्य के द्वारा पंचनामा तैयार नहीं करने दिया गया। आसपड़ोस के निवासियों के नाम नहीं बताए गए हैं।
– झूठे सर्टिफिकेट दिए, मकान प्रथम तल पर बना लिया। गलत तरीके से लाभ लिया। वसूली के लिए तीन नोटिस दिए जा चुके हैं, अगर पैसे नहीं लौटाए तो एफआईआर दर्ज की जाएगी।
– सगीर अहमद, इंजीनियर नगर निगम