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सांसद झिल्लाए, बोले मैं महापौर का अपमान सहन नहीं करूंगा

locationबुरहानपुरPublished: Jul 03, 2018 09:30:02 pm

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– गरीब परिवार का बेटा महापौर बना, इस लिए कर रहे अपमान

MP, say, I will not tolerate the insult of the mayor

MP, say, I will not tolerate the insult of the mayor

– सांसद-महापौर कार्यक्रम छोड़कर चले गए
– बिजली कंपनी के कार्यक्रम में महापौर को बोलने का नहीं दिया अवसर
– अधिकारियों ने किया मनाने का प्रयास, लेकिन नहीं माने महापौर
बुरहानपुर. शासन की संबल योजना के शुभारंभ के लिए बिजली कंपनी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नया बखेड़ा हो गया। संचालनकर्ता ने मंत्री के उद्बोधन के बाद सीधे सांसद का नाम ले लिया, इस बात से महापौर नाराज हो गए। महापौर बोलने लगे मैं जनप्रतिनिधि हूं, मेरे शहर की समस्या है और मैं ही बात नहीं करूंगा, तो समस्या को कौन रखेगा, निराकरण कैसे होगा। इसके बाद वह मंच छोड़कर जाने लगे। यह देख सांसद ने भी बहिष्कार कर दिया। देखते ही देखते मंत्री सहित सभी जनप्रतिनिधि उठकर चल दिए। बाद में अफसरों ने मनाया भी लेकिन किसी ने नहीं माना।
दरअसल मंगलवार को मराठा मंगल कार्यालय में बिजली कंपनी द्वारा सरल बिजली बिल व बिजली माफी योजना की शुरुआत के लिए कार्यक्रम होना था। कार्यक्रम ३ बजे शुरू हुआ। पहले महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने उद्बोधन दिया। लेकिन बीच में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का लाइव भाषण शुरू हो गया। सीएम के भाषण के बाद मंत्री चिटनीस ने फिर से भाषण दिया। मंत्री का उद्बोधन होते ही संचालक प्रवीण नवलखे ने सांसद नंदकुमारसिंह चौहान का नाम ले लिया। इस बात पर महापौर भोसले आक्रोशित हो गए। क्योंकि उन्हें बोलने का मौके ही नहीं दिया गया। यह देख सांसद भी खड़े हो गए कहने लगे महापौर को जनता ने चुन कर भेजा है। एक गरीब परिवार का महापौर है। गरीबी से निकलकर आगे आया है, हजारों लोगों का वह प्रतिनिधित्व करता है। महापौर को कार्यक्रम में बोलने नहीं देना मेरे महापौर का अपमान है, यानी हम सभी का अपमान है। शिकायत और कार्रवाई का दौर आगे होगा।
मेरा नहीं पूरी जनता का अपमान हुआ है
महापौर अनिल भोसले ने कहा कि जनता ने मुझे महापौर निर्वाचित किया है। साढ़े तीन वर्ष से काम कर रहा हूं। जनता की समस्या हल करने का में लगातार प्रयास करता हूं। जब योजना को लेकर ३० तारीख आखिरी थी। तब लोग परेशान हो रहे थे, तब मैंने जाकर अधिकारियों से चर्चा की और समस्या के निराकरण के लिए भी कहा। शहर में ढाई लाख में से ५३ हजार का रजिस्टे्रशन योजना में हुआ है। सभा में भी इस बात को अवगत कराना चाहता था। कार्यक्रम के लिए बिजली कंपनी के अधिकारियों ने निवेदन कर बुलाया। कार्यक्रम में यदि मुझे बोलने का मौके नहीं दिया, तो यह मेरा नहीं पूरी जनता का अपमान है। लोकतंत्र के मंदिर में मुझे बोलने का मौके मिलना चाहिए था।
महापौर को मिलना चाहिए था बोलने का मौका
मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि आज के कार्यक्रम में महापौर को बोलने का अवसर नहीं मिला। मुख्यमंत्री के संवाद के पहले महापौर को बोलने का मौके दिया जाना चाहिए था। इसका दुख उन्हें हुआ है। मेरा भी मानना है कि जीतना समय हमें मिला है, सभी को यह मौका मिलना चाहिए। सांसद-महापौर के साथ मंत्री ने भी मंच छोड़ दिया।
समय कम होने के कारण लिया सांसद का नाम
बिजली कंपनी के वृत्त अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि कार्यक्रम १.३० बजे शुरू होना था। लेकिन ३ बजे शुरू हुआ। फिर मंत्री के उद्बोधन के बीच मुख्यमंत्री का लाइव प्रसारण शुरू हुआ। इसके बाद फिर मंत्री ने उद्बोधन दिया। उनका उद्बोधन समाप्त होने तक समय कम बचा था, इसलिए संचालक ने सांसद नंदकुमारसिंह चौहान का नाम लिया। इस पर महापौर गुस्सा हो गए थे। हमने उन्हें मनाने व उद्बोधन देने के लिए कहा। लेकिन वह नहीं माने।
बीयू०४११: कार्यक्रम छोड़कर जाते हुए सांसद, महापौर व अन्य जनप्रतिनिधि।

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