नियम विरुद्ध दौड़ रही बसों में ओवरलोड की सवारी
- आए दिन हादसे फिर भी अनदेखी
- आटीओ और यातायात पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

बुरहानपुर. बस स्टैंड से अन्य शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली बसें नियम विरुद्ध दौड़ रही है। बसों में न रेट सूची चस्पा की गई, न अग्नि शमन यंत्र और फस्ट एडबॉक्स रखे गए। यहां तक चालक-परिचालकों ने वर्दी पहनना भी छोड़ दी है। यहां तक लापरवाही की जा रही थी, लेकिन अब यात्रियों की जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। ओवरलोड सवार बैठाकर बस संचालक इन जान जोखिम में डाल रहे हैं। आए दिन हादसे के बाद भी आरटीओ और यातायात पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
बस स्टैंड पर यात्रियों की फजीहत हो रही है। ओवरलोड सवारी बैठाकर यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बस स्टैंड से वाहन निकलने के बाद रास्ते में यात्रियों को वाहन में भर रहे हैं। यहां तक वाहनों का कोई स्टॉपेज भी निर्धारित नहीं है। जहां चाहे वाहन रोककर यात्रियों को बैठा लेते हैं।
यह भी अनियमितताएं-
वाहन की विंड स्क्रीन पर लाल अक्षरों में अंकित किए गए परमिट क्रमांक, परमिट की वैधता अवधि, वाहन की फिटनेस आदि लिखना अनिवार्य है। लेकिन यह अधिकांश वाहन पर नजर नहीं आए। इससे वाहनों की सही स्थिति नहीं पता चल रही है। यहां तक यात्री बसों में आने-जाने के लिए अलग-अलग दरवाजे तक नहीं लगे हैं। एक ही दरवाजें से यात्रियों को बैठाने और उतारने का काम चल रहा है।
पत्रिका लाइव
केस-१
कृष्णा बस सर्विस की बुरहानपुर से झिरन्या जा रहा एमपी-०५-पी०३१९ का वाहन जब यहां पड़ताल की तो पता चला की यात्री यहां परेशान हो रहे हैं। वाहन तो फीट था, लेकिन यात्रियों के लिए बैठने की जगह नहीं। इसमें कई बुजुर्ग यात्री थे, जो खड़े-खड़े सफर करने को मजबूर थे।
केस-२
चौकसे बस सर्विस की गाड़ी खकनार की ओर जा रही थी। जब इसका स्टॉपेज शहर से डेढ़ किमी दूर शाहपुर फाटे पर हुआ तो अंदर बैठने की जगह न होने के बाद भी और यात्रियों को बैठाने के लिए परिचालक बाहर आ गया। जबकि इसमें कई बुजुर्ग महिलाएं खड़ी थी, इन्हें बैठने के लिए सीट नहीं थी।
केस-३
बीयू१४०९ : शाहपुर रोड पर जा रहे ऐपे वाहन क्रमांक एमपी ६८-आर, ०३७४ में सीट नहीं होने के बाद भी बच्चों की जान जोखिम में डाल दी गई। वाहन में बच्चों को सीट नहीं थी तो नीचे बैठा दिया। कई बार हादसे होने पर ऐसे मासून इसके शिकार हो जाते हैं।
यहां हो चुके हैं हादसे
एक माह पूर्व असीरगढ़ के पास धूलकोट से बुरहानपुर आ रही बस पलटी थी, जहां दो दर्जन से अधिक यात्री घायल हुए थे।
तीन माह पूर्व अंबाड़ा में भी बड़ा हादसा हुआ था, जहां बस अधिक सवारी के चक्कर में असंतुलित होकर पलटी थी।
एक माह पूर्व दर्यापुर फाटे के पास पलटी थी, इसमें दस यात्री घायल हुए थे।
निंबोला के पास भी हादसा हुआ था, जहां कोई हताहत नहीं हुआ था।
स्थिति एक नजर में-
१०५ बसों का संचालन होता है बुरहानपुर से
५ हजार यात्री करते हैं सफर
५० से अधिक बसों का संचालन
- नियम विरुद्ध चलने वाली बसों पर अब हम कार्रवाई करेंगे। अधिक सवारी नहीं बैठाना चाहिए। पहले भी हम समझाइश दे चुके हैं। - सुरेंद्र गौतम, आरटीओ
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