मजदूरों ने कहा कि कई दिन से मजदूरी के अभाव में घर में खाने के लाले पड़ गए हैं, इसलिए केली तोडऩे के लिए निकले थे, ताकि कुछ रुपए मिल जाएं, जिससे लॉकडाउन के समय में खाद्य सामग्री खरीद सकें। मजदूरों ने कहा कि लॉकडाउन के चलते ऐसा लग रहा है कि कोरोना से पहले भूख से मर जाएंगे।
बता दें कि ग्राम चांदनी से मजदूर बैठाकर ट्रक चालक केली तोडऩे के लिए ले जा रहा था। चौराहे पर जांच में बात सामने आने के बाद उन्हें नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। यहा डॉ. अंबर जोशी ने उनका उपचार किया। जहां उनकी प्रारंभिक जांच के बाद सभी को वापस भेज दिया गया।