script71 साल के इतिहास में पहली बार यहां नहीं होगा रावण दहन | Ravan Dahan will not be here for the first time in 71 years of history | Patrika News
बुरहानपुर

71 साल के इतिहास में पहली बार यहां नहीं होगा रावण दहन

लोगों ने शमी के पेड़ की विशेष पूजा-अर्चना की
 

बुरहानपुरOct 25, 2020 / 06:11 pm

tarunendra chauhan

Nehru Stadium

Nehru Stadium

बुरहानपुर . नेपानगर में पिछले 71 सालों के इतिहास में पहली बार रावण दहन का कार्यक्रम नही होगा। वर्षों पुरानी इस प्रथा का इस वर्ष पालन नहीं होगा। नगर में वर्ष 1949 में पहली बार रावण दहन की शुरुआत की थी। कोविड सुरक्षा संबंधित नियमों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष नेहरू स्टेडियम पर रावण दहन नहीं होगा। अधिकारियों के आदेशानुसार नवदुर्गा उत्सव समिति द्वारा आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि वर्षों से नवरात्रि के अवसर पर रोजाना स्टेडियम पर विभिन्न कार्यक्रम होते रहे हैं, लेकिन इस बार पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्टेडियम पर ना तो मेला लगा है, ना नवदुर्गा स्थापना हुई और न ही रावण दहन होगा।

इस बार दशहरे को लेकर भी असमंजस
इस वर्ष तिथि की उलट फेर होने से दशहरा के आयोजन पर भी असमंजस बना हुआ है। हिंदी पर्व के अनुसार रविवार को नवमी और दशमी एक साथ आ रही है। सुबह 10 बजे दशमी लगने से दशहरे का पर्व मनाया जाएगा। पंडित राजू कुलकर्णी ने बताया कि नगर के प्राचीनतम शमी के पेड़ की पूजा करने का समय विजया दशमी का ही होता है। उन्होंने बताया कि तिथि के अनुसार रविवार दोपहर 2.18 से 3.04 बजे तक विजय मुहूर्त होने से शमी के पेड़ की पूजा की जाएगी। हर साल बड़ी संख्या में रहवासी भातखेड़ा-सातपायरी रोड स्थित शमी के पेड़ की पूजा करने आते हैं। इस दिन पेड़ की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

पहली बार वर्षों पुरानी परंपरा टूटी
इस साल कोविड-19 के कारण नगर की वर्षों पुरानी परंपरा टूटने जा रही है। शहर में पहली बार इस वर्ष रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा, जिससे लोग मन ही मन आहत हैं। त्योहार का एक उत्साह जो नेपानगर में देखा जाता था महामारी के चलते उस पर बीमारी के डर का संकट है। नेहरू स्टेडियम पर हर साल उत्साह के साथ होने वाला रावण दहन इस बार निरस्त कर दिया गया। जबकि हर साल यहां मेले के आयोजन की भी परंपरा थी यह मेला भी इस बार नहीं लगा। यहीं नहीं नेपा लिमिटेड ने स्टेडियम के मुख्य द्वार पर भी ताला लगा रखा है। हालांकि कि आसपास से निकलने की जगह है, लेकिन मुख्य द्वार बंद है। बताया जा रहा है कि इस बार रावण दहन समितियां भी भंग है।

60 से 80 फीट तक का बनता था रावण, इस बार पसरा सन्नाटा
आज विजयादशमी है। इससे एक दिन पहले से ही नेहरू स्टेडियम पर चहल पहल बढ़ जाती थी, लेकिन शनिवार को यहां सन्नाटा पसरा रहा। न मेले का आयोजन हुआ न रावण के पुतले का निर्माण। जबकि पहले करीब 60 से 80 फीट का रावण का पुतला तैयार कर दहन किया जाता था। धीरे धीरे इसका स्वरूप बदलता गया और रावण का कद भी छोटा कर दिया गया, लेिकन इस बार तो कोविड-19 के कारण रावण दहन कार्यक्रम ही निरस्त है।

माता के पंडाल भी रहे सूने, सोशल डिस्टेंस से किए दर्शन
इस बार नवरात्र पर्व पर सभी दिन माता के पांडाल सूने रहे। शाम के समय आरती और पूजा अर्चना में जो लोग पहुंचते थे उन्होंने इस बार महामारी के कारण दूरी बनाई। सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया।

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