scriptस्कूल के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू खाई तो प्रबंधन करेगा 200 रुपए का जुर्माना | So ditch the tobacco within 100 meters of schools will manage fine of Rs 200 | Patrika News

स्कूल के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू खाई तो प्रबंधन करेगा 200 रुपए का जुर्माना

locationबुरहानपुरPublished: Feb 25, 2016 11:20:00 pm

Submitted by:

Editorial Khandwa

अच्छी खबरमिशन बनाकर विद्यार्थी और शिक्षकों ने छोड़ी तंबाकूजिले का पहला तंबाकू मुक्त शासकीय स्कूल बना प्रेरणा

गणेश बाविस्कर, शाहपुर. चाणक्य ने कहा था कि निर्माण और प्रलय दोनों शिक्षक की गोद में पलते है। शिक्षक ही है जो देश के चरित्र और भविष्य का निर्माण कर सकता है। चाणक्य के इन वाक्यों को चरितार्थ किया है शाहपुर क्षेत्र के ग्राम नाचनखेड़ा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने। महज 105 बच्चों और 7 शिक्षकों वाली इस देहाती शाला ने ऐसा अनुकरणीय उदारहण पेश किया है, जिसे मॉडल के रूप में प्रदेशभर में अपनाया जा सकता है।
नाचनखेड़ा का यह स्कूल संभवत: पहला तंबाकू मुक्त विद्यालय है। विद्यार्थियों व शिक्षकों के सामुहिक प्रयासों से सभी के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए शाला परिवार ने व्यसन मुक्ति को लेकर यह अनुठी प्रतिबंधात्मक पहल की। इसके तहत शाला परिसर के इर्द-गिर्द तंबाकू बेचने वालों पर तथा तंबाकू का सेवन करने वाले शिक्षक व विद्यार्थियों पर शाला परिवार ने 200 रुपये जुर्माना राशी तय कर रखी है और इसके संबंध में शाला प्रबंधन ने शाला भवन के चारों और जुर्माना संबंधी बैनर व कड़ी हिदायत के पोस्टर भी चस्पा किए हैं। जिसमें कड़े निर्देश लिखे है शाला परिसर के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू तथा उसके उत्पादों का क्रय-विक्रय करना तथा उनका सेवन करना मना है। इन निर्देशों का उल्लंघन कर आनकानी करने वालों को पुलिस के हवाले किया जाएगा।
भरा संकल्प पत्र और खाई कसम
दरअसल, शाला परिवार ने विद्यार्थियों के उज्वल भविष्य की चिंता करते हुए 30 दिसंबर से तंबाकू मुक्त विद्यालय बनाने की सराहनीय पहल की। जिसका पालन शाला परिवार के विद्यार्थी ही नहीं बल्कि शिक्षकगण भी कर रहे है। इसके लिए शिक्षकों व विद्यार्थियों ने सामुहिक रुप से संकल्प पत्र भरकर शपथ भी ली कि जीवन में कभी तंबाकू का किसी भी प्रकार से सेवन नहीं करेंगे। इतना ही नहीं शाला परिवार अपने शैक्षणिक गतिविधियों के साथ समय-समय पर ग्रामीणों को तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराकर तंबाकू से दुर रहने के लिए जागरुक भी करता है। इस पहल से शाला की दीवारें भी साफ -सुथरी तथा परिसर भी साफ -स्वच्छ बना हुआ है। इसको लेकर गुरुवार को तंबाकू निषेध को लेकर स्कूली शिक्षकों ने एक कार्यशाला भी आयोजित की जिसमे प्राचार्य अरुण पवार ने तंबाकू उत्पादों से स्वयं व अपने घर परिवार व पास-पड़ोसियों को भी जागरुक करने के निर्देश दिए। शिक्षक राजाराम बारी व उखर्डू बाविस्कर ने बताया की तंबाकू के उत्पादों के बजाय आंवला व सौंप का सेवन करें। आंवला और सौंफ में औषधिय गुण है जो सेहत के लिए फायदेमंद है।
पहले छोड़ा व्यसन फिर, फैलाई जागरुकता
आमतौर पर जागरुकता फैलाने वाले उन बातों को पहले अमल में नहीं लाते लेकिन इस शाला ने ऐसा अनुकरणीय उदारहण पेश करने से पहले उस पर अमल भी किया। शाला प्राचार्य पवार ने बताया कि शाला के 105 विद्यार्थियों में से 10 विद्यार्थी तथा 7 शिक्षकों में से 3 शिक्षक तंबाकू का सेवन करते थे। इन सभी ने तंबाकू का सेवन बंद कर दिया। इस नियम के उल्लघंन के बावजूद यदि कोईतंबाकू बेचते या सेवन करते हुए पाया जाता हैतो जुर्माने के रूप में प्राप्त राशी को शाला कोष में जमा कर शाला के विकास कार्यों में लगाया जाएगा। इस मुहिम से नशा मुक्ति और सफाईअभियान दोनों महत्वपूर्णसंकल्प पूरे हो रहे है।

– जिले के छोटे से कस्बे के स्कूल प्रबंधन द्वारा किया गया यह प्रयास निश्चित रुप से सराहनीय है। प्रबंधन इसके लिए बधाई का पात्र है और इससे प्रेरणा लेकर शहर सहित जिलेभर के स्कूलों को ऐसा अभियान चलाना चाहिए। जिससे नशामुक्ति और सफाईअभियान में सराहनीय योगदान मिल सकें।
-डॉ. मनोज अग्रवाल, सदस्य जिला तंबाकू नियंत्रण समिति

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