शहर के लिए यह फीवर क्लीनिक कारगर साबित हुए। एक दिन में 900 के करीब लोग यहां पहुंच गए, इसमें कई तो ऐसे भी थे, जो कोरोना के लक्षण से घबराए थे, इसलिए उन्हें मामूली सर्दी, खांसी होने पर जांच के लिए पहुंच गए। समझाइश दी की घबराने की कोई बात नहीं, दवाई देकर उन्हें विदा किया। जबकि 47 लोग गंभीर बीमारी के पहुंच गए, जिनका इलाज यहां कराना संभव नहीं था, ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल में जाने की सलाह दी। इस क्लीनिक से यह फायदा हुआ कि 19 लोग कोरोना लक्षण वाले मिले, जिनके अब सेंपल भेजे जाएंगे।
एक दिन के आंकड़े आए सामने
कुल 876 मरीज फीवर क्लीनिक पर पहुंचे। इनमें 19 में कोरोना के लक्षण मिले। 17 की जांच कर सेंपल भी ले लिए गए। जबकि 47 गंभीर बीमारी के आए, जिनमें हार्ट की बीमारी, शूगर, सांस लेने में तकलीफ उन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। कई ऐसे भी थे, जिनका इलाज पहले से निजी अस्पताल में चल रहा हैं, उन्हें वहीं पर ही इलाज की सलाह दी।
मेडिकलों पर दवाई बिक्री पर है प्रतिबंध
कलेक्टर ने मेडिकलों पर सर्दी, खांसी और बुखार की दवाई बिक्री पर रोक लगा दी है। यहां केवल पंजीकृत डॉक्टर या सरकारी डॉक्टर के लिखी चिठ्ठी पर से ही दवाई मिल सकेगी। पहले लोग सर्दी खांसी होने पर सीधे मेडिकल से दवाई खरीदकर ले जा रहे थे।
इसलिए भी बढ़ी लोगों की मुसीबत
दरअसल लॉकडाउन लगते ही मार्च माह से जिले में बीएएमएस डॉक्टरों के क्लीनिक बंद करा दिए। गली मोहल्ले में चलने वाले यह क्लीनिक बंद होने से मामूली सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रसित लोग भी इलाज नहीं करा पा रहे थे। बुरहानपुर शहर में 100 के करीब ऐसे क्लीनिक है, जो बंद है।
– फीवर क्लीनिक में लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। हमारी पहली प्रथमिकता कोरोना की पहचान कर उसका इलाज कराने की है। गंभीर बीमारी वाले भी आए लेनिक उन्हें जिला अस्पताल में ही इलाज की सलाह दी।
– मुकेश काशीव, तहसीलदार फीवर क्लीनिक प्रभारी