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बुरहानपुर में ये बीमारी कोरोना पर भारी, ढाई साल में जा चुकी 166 की जान

locationबुरहानपुरPublished: Jul 20, 2021 11:29:03 am

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– कोरोना ने ली थी 38 की जान, इससे चार गुना मौत

This disease is heavy on Corona in Burhanpur, 166 lives lost in two and a half years

This disease is heavy on Corona in Burhanpur, 166 lives lost in two and a half years

बुरहानपुर. पिछले दो साल से फैली कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी को रोकने में तो हम सफल रहे, लेकिन जड़े जमा चुकी टीबी जैसी घातक बीमारी से छूटकारा नहीं पाया जा सका। आंकड़े बता रहे हैं कि टीबी की बीमारी कोरोना पर भारी पड़ी है। कोरोना के जहां दो साल में 3095 मरीज मिले और 38 ने दम तोड़ा वहीं टीबी के ढाईसाल में 6034 मरीज मिले और 166 अपनी जान गवां चुके।
आंकड़े देख आप भी चौंक गए होंगे। लेकिन हकीकत पूरी यही है। हम अभी सामने आईबीमारी से दहशत में आ गए और सुरक्षा के इंतजाम कर इससे बचने के प्रयास किए, लेकिन टीबी जैसी बीमारी उससे भी कईगुना तेज है। इससे बचने के लिए अब भी नहीं संभले तो आगे और स्थिति भयावह होगी। लेकिन अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
निमाड़ में हम दूसरे पाएदान पर
टीबी की बढ़ती बीमारी ने निमाड़ में बुरहानपुर को 20वें पायदान पर ला दिया है। सरकारी अस्पताल के आंकड़े के हिसाब से तो बुरहानपुर प्रदेश में छटवें स्थान पर है, लेकिन जब निजी और सरकारी दोनों के आंकड़े मिलाए तो निमाड़ में बुरहानपुर में दूसरे और प्रदेश में 20वें स्थान पर है, जहां टीबी के अधिक मरीज है। जबकि निमाड़ में पहले नंबर पर खरगोन है, यहां 2015 मरीज जनवरी से अब तक मिले हैं।
यह है मुख्य कारण
डॉक्टरों का भी मानना है कि कपड़े के रेशे फेफड़े में जाकर लंग्स को प्रभावित करते हैं और इससे प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बीमारी जल्द घर करती है। दूसरी ओर शहर में ताप्ती जलावर्धन और सीवरेज की खुदाई ने भी प्रदूषण फैलाने में कोई कमी नहीं की है।
यह करें रोकथाम
काम भी जरूरी : काम करते समय या घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना जरूरी है, इससे पूरी रह सुरक्षा बनी रहती है।

आंकड़ों में जाने परी हकीकत
वर्ष कुल मरीज स्वस्थ्य मौत
2019 3239 2562 60
2020 1530 990 74
2021 1268 48 32
जानकारी क्षय रोग विभाग के मुताबिक

निमाड़ में स्थिति
निमाड़ में सबसे अधिक टीबी के मरीज खरगोन में है जहां 2015 इस साल मरीज मिले हैं। इसका स्थान प्रदेश में 8वें नंबर पर है। बुरहानपुर 20वें नंबर है। पहले तीन पर छतरपुर जहां 8787, दूसरे पर भोपाल 5331 और तीसरे पर ग्वालियर यहां 4718 टीबी मरीज है।

– पावरलूम हो या कोईभी औद्योगिक क्षेत्र। यहां काम करने वाले व्यक्ति के श्वसन तंत्र को डेमेज करता है। इससे टीबी होने के चांज ज्यादा रहते हैं। पावरलूम उद्योग का असर भी है। – डॉक्टर एच हक, क्षय रोग विभाग

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