जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व वन विभाग खकनार के कर्मचारियों ने अवैध कटाई को बढ़ावा देने के आरोप में रहमानपुर के कैलाश नामक को बुरहानपुर से गिरफ्तार किया था। उनका आरोप है कि कैलाश को वन विभाग ने न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया, जिसके बाद उनके साथ गंभीर रूप से मारपीट की गई। जागृत आदिवासी दलित संगठन के रतन अलावे ने बताया कि कैलाश ने ही घाघरला में हो रही अवैध कटाई के विरोध में वन विभाग को आरोपी के नाम दिए थे। आरोपियों को पकडऩे के बजाए विभाग ने कैलाश के साथ अनैतिक रूप से मारपीट की।
गिरफ्तारी करो नही तो अधिकारियों पर कार्रवाई
बता दें कि गत करीब 18 माह के भीतर तीसरी बार नेपा थाने का घेराव हुआ है। पूर्व के तरह ही इस बार भी घेराव एवं धरना प्रदर्शन को लेकर कोई सूचना प्रशासन को नहीं दी। थाने के घेराव की सूचना मिलते ही मौके पर तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर, एसडीओपी यशपालसिंह और टीआई जीतेंद्र यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने आदिवासियों से चर्चा करने के प्रयास किए लेकिन उन्होंने मना कर दिया। देर बाद हुई चर्चा में उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि आदिवासियों के साथ मारपीट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, नहीं तो हम सभी को जेल में भेजे दोनों में से कोई एक काम पूर्ण नहीं होने तक हम यहीं पर बैठे रहेंगे।
वन विभाग में कायम 8 प्रकरण
मामले में वन विभाग के एसडीएम एमएस सोलंकी ने बताया कि कैलाश पिता रघुनाथ और उसके साथ प्यारसिंग पिता खुमसिंग बोरिया घाट दोनों निवासी पंचायत रेहमानपुरा तहसील खकनार के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन प्राणी संरक्षण अधिकनियम 1972 के तहत करीब 8 प्रकरण पंजीबद्ध है। इसी संदर्भ में दोनों को 30 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार किया था। अगले दिन कोर्ट में लाते समय रास्ते में कैलाश ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाया। फिर न्यायालय के मुख्य द्वार के बाहर ही कैलाश सड़क पर गिर पड़ा। न्यायालय से अनुमति लेने के बाद उसे शासकीय चिकित्सालय में ले जाया गया। यहां से बिना अनुमति परिजन उसे निजी चिकित्सालय में ले गए। जिसके बाद कोर्ट में पेश होने वाले आरोपियों को बिना अनुमति घर ले गए।