मध्यान्ह भोजन समूहों को नियमानुसार गेहूं-चावल सहकारी समितियों से मिलता है। दाल, सब्जी, मसालों व गैस के लिए शासन से सीधे समूहों के खातों में राशि डाली जाती है। गैस चूल्हे पर ही भोजन बनाने का नियम भी है। कुछ स्कूलों में चूल्हों में लकड़ी जलाकर भोजन बनाते देखा गया था।
जंगल से लकड़ी लाकर बनाया भोजन पाडल्या मिडिल स्कूल में चूल्हे पर भोजन बनाया जा रहा था। पूछने पर रसोईया महिलाओं ने बताया यहां गैस की कोई व्यवस्था नहीं बनाते देखा गया था। लकड़ी भी हम ही जंगल से लेकर आए हैं। यहां भोजन बनाने की कोई सुविधा नहीं है। इस स्कूल में पखवाड़े भर पहले विद्यार्थियों को कीड़े लगे गेहूं-चावल देने का मामला सामने आया था। भोजन समूह की सचिव ने भी अनाज की पर्ची नहीं देने व राशन की राशि नहीं मिलने की बात कही थी।
शासन से सूची मिली तब पता चला खालवा बीएसी जितेंद्र चौहान ने बताया कई स्कूलों से समूहों द्वारा भोजन नहीं बनाने की सूचना मिल रही थी। इसी बीच समूहों के खातों में राशि डालने की सूची भी हमें मिली तब पता चला कि करीब 20 खातों को बैंकों ने होल्ड कर दिया है। बैंकों से पता चला कि समूहों ने दो साल से कोई लेन-देन नहीं किया है इस कारण रोक लगी है। तब हमने समूहों को बैंक जाकर खाता चालू करने को कहा है। समूह आवेदन लेकर बैंक जा रहे हैं। जिन समूहों के खातों पर रोक लगी है उमें पाडल्या, दगड़कोट, मातापुर, हसनपुरा आदि शामिल हैं।
स्पष्टीकरण दिया
पाडल्या मिडिल स्कूल में खराब गेहूं-चावल देने के बाद प्रधान पाठक व समूह आमने-सामने आ गए थे। भोजन समूह की सचिव ने प्रधान पाठक पर गंभीर आरोप लगाए थे। दो बार विभागीय जांच के बाद प्रधान पाठक व समूह को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। तीन दिन की अविध भी पूरी हो चुकी है। बीएसी चौहान ने बताया प्रधान पाठक का स्पष्टीकरण मिल चुका है, समूह की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
पाडल्या मिडिल स्कूल में खराब गेहूं-चावल देने के बाद प्रधान पाठक व समूह आमने-सामने आ गए थे। भोजन समूह की सचिव ने प्रधान पाठक पर गंभीर आरोप लगाए थे। दो बार विभागीय जांच के बाद प्रधान पाठक व समूह को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। तीन दिन की अविध भी पूरी हो चुकी है। बीएसी चौहान ने बताया प्रधान पाठक का स्पष्टीकरण मिल चुका है, समूह की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।