मरीजों की रक्षा करने से खुद को नहीं रोक सकते
जिला अस्पताल में आरएमओ डॉक्टर प्रतीक नवलखे ने कहा कि जब मैं घर जाता हंू तो पत्नी हिदायत देती है, नहाने के बाद अंदर आना। घरवालों की चिंता जायज है, लेकिन डॉक्टर होने के नाते इस गंभीर स्थिति में मैं अपने फर्ज को नहीं रोक सकता। जैसे ही संदिग्ध मरीज के आने की खबर लगती है मेरे साथ डॉक्टर गौरव थावानी, डॉक्टर शकील अहमद खान, जिला महामारी नियंत्रक रवींद्रसिंह राजपूत अपनी ड्यूटी पर आ जाते हैं। जांच करने के लिए सेंपल लैब टेक्नियशन के साथ सुनील कुरमी, कमलेश साल्वे आते हंै। इनके अलावा नर्सेस भी हैं, जो अपनी ड्यूटी निभाती हैं। कोरोना संदिग्ध आइसोलेट में हैं, तो सिस्टर सीमा डेविड, वंदना जॉनसन, पूजा शर्मा, भावना पंवार, सपना चौहान ड्यूटी देती हैं। इमरजेंसी ड्यूटी में डॉ. धवल पाटिल, भूपेंद्र गौर, इकराम उल हक, डॉक्टर यामीनी भूषण शास्त्री जुटे हैं। यह सभी काम सीएमएचओ डॉक्टर विक्रम सिंह वर्मा के मार्गदर्शन में हो रहा है।
ऐसे रखते हैं ध्यान
प्रतिदिन अस्पताल में आने वाले 70-80 मरीजों को चिकित्सक देखते हैं। अधिकांश सर्दी-जुकाम की शिकायत लेकर आ रहे हैं। हॉस्पिटल में मरीजों से मिलते समय पर्सनल प्रोटेक्शन का पूरा ध्यान रखा जाता है। मास्क पहन रहे हैं, नॉन-टच टेक्नीक से टेम्प्रेचर लिए जा रहे हैं। ब्लड प्रेशर लेते वक्त ग्लव्स पहने जाते हैं, अभ तक बुरहानपुर में कोई पॉजिटिव केस नहीं आए हैं। इसके अलावा अस्पताल में फार्मासिस्ट से लेकर सफाईकर्मी तक अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। मैदानी स्तर पर भी स्वास्थ्य कर्मी की टीम लगी है।
इसलिए मनाते हैं विश्व स्वास्थ्य दिवस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन या डब्ल्यूएचओ संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है, इसका मुख्य काम दुनियाभर में स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर रखना और उन्हें सुलझाने में मदद करना है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी।
स्मॉल पॉक्स से निपटा था
अपनी स्थापना के बाद से डब्ल्यूएचओ ने स्मॉल पॉक्स बीमारी को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई। इसके बाद डब्ल्यूएचओ एड्स, इबोला और टीबी जैसी खतरनाक बीमारियों की रोकथाम पर काम किया। अब डब्ल्यूएचओ कोरोना से निपट रहा है।