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बुरहानपुर की ये धरोहर हैं दुनियाभर में प्रसिद्ध

locationबुरहानपुरPublished: Apr 18, 2019 08:22:10 pm

दुनियाभर में प्रसिद्ध बुरहानपुर की धरोहरों के विकास का मुद्दा चुनाव से गायब है। नेताओं के भाषण अब तक केवल उद्योग, पानी, सडक़ पर रहा। लेकिन जिन धरोहरों से बुरहानपुर की पहचान है वह वादे और बाते दोनों चुनावी मौसम में गायब है।

world heritage day : burhanpur Madhya pradesh place to visit

world heritage day : burhanpur Madhya pradesh place to visit

बुरहानपुर. दुनियाभर में प्रसिद्ध बुरहानपुर की धरोहरों के विकास का मुद्दा चुनाव से गायब है। नेताओं के भाषण अब तक केवल उद्योग, पानी, सडक़ पर रहा। लेकिन जिन धरोहरों से बुरहानपुर की पहचान है वह वादे और बाते दोनों चुनावी मौसम में गायब है। इसी कारण बुरहानपुर विश्व पर्यटन के चित्र पर स्थापित नहीं हो सका। धरोहरों का जीर्णोद्धार तो दूर यहां पहुंचने के लिए रास्ते तक नहीं है। दुनिया के सात अजूबों में एक आगरा के ताजमहल की यादे बुरहानपुर से जुड़ी हुई है। जिस मुमताज की याद में ताजमहल बना, उसे बुरहानपुर की मिट््टी में दफनाया गया था। मुमताज की यादे संजोए बुरहानपुर को देखने के लिए देश-दुनिया से हजारों पर्यटक बुरहानपुर आते हैं, लेकिन पहुंच विहीन रास्तों के अभाव में धरोहर तक नहीं पहुंच पाते। आहूखाना जहां मुमताज की कब्र थी वह जाने के लिए रास्ता ही नहीं है। इन सब परेशानियों के बाद भी पर्यटन विकास कभी चुनाव में अहम मुद्दा नहीं रहा।
यह है अनमोल धरोहरें
धरोहर-1
शहर से 8 किमी दूर कुंडी भंडारा जहां भूमिगत जल प्रणाली विश्व में एक मात्र जीवित धरोहर हैं। मुगल शासन काल में सूबेदार अब्दुल रहीम खान खाना ने 1695 ई में इसका निर्माण कराया था। यह मुगल शासन की अद्वितीय कलाकृति है। सतपुड़ा पहाडिय़ों के आंचल में भूमिगत जल स्त्रोत के अतुल भंडार की खोज करके चतुर कारीगरों ने चूना और पत्थर आदि से सदृढ सुरंग बनाई।
दुर्दशा : यहां बनी लिफ्ट पिछले डेढ़ साल से बंद है। इसलिए यहां पर्यटकों ने जाना छोड़ दिया। पहाड़ी से पेड़ गायब होने से जल स्तर काफी नीचे चला गया। कुंडियों में जम रही कैल्शियम से भी इसे खतरा बना हुआ है।
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World Heritage Day y : Burhanpur Madhya Pradesh place to visit IMAGE CREDIT: patrika
धरोहर-2
ताप्ती नदी के पश्चिमी तट पर विशाल शाही किला स्थित हैं। फारुकी शासन काल की प्रसिद्ध यादगारों में से यह किला एक है। इसे मीरा एना आदिल शाह फारुकी बादशाह ने निर्मित कराया था। यह किला पूर्ण रूप से ईट-पत्थर तथा विशेष मसाले से निर्मित किया गया है। आज भी किले की दीवार ताप्ती नदी के किनारे से लगभग 80 फीट ऊंची है। यह किला चार मंजीला है। बताया जाता है कि ग्रीष्म ऋतु में बादशाह ए शाहजादे और उनकी बेगम यहां निवास करते थे। बारिश के मौसम में ताप्ती का दृश्य यहां से देखते ही बनता है। इसमें बना हमाम बना हुआ हैं, जहां मुमताज की यादें आज भी ङ्क्षजदा है।
दुर्दशा : शाही किले का जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है। इसके आसपास उद्यान विकसित कर शोभा बढ़ाईजा रही है। शाही किले की धरोहर के जीर्णोद्धार का काम भी कई समय से बंद है।
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world heritage day : burhanpur Madhya pradesh place to visit IMAGE CREDIT: patrika
धरोहर-3
यह किला बुरहानपुर से लगभग 20 किमी दूर उत्तर दिशा में सतपुड़ा पहाड़ के शिखर पर समुद्र सतह से 750 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहले इस किले पर विजय प्राप्त करने के बाद दक्षिण का द्वार खुल जाता था। विजेता का संपूर्ण खानदेश क्षेत्र पर अधिपत्य स्थापित हो जाता था। यह किला 60 एकड़ भूमि में फैला है। पूर्व से पश्चिम तक इसकी लंबाई 3300 फीट और उत्तर से दक्षिण तक चौड़ाई 1800 फीट है।
दुर्दशा : असीरगढ़ किले तक पहुंचना आसान नहीं है। इसका आधा रोडसही है, बाकी जर्जर हालात में है। रोड के आसपास रैलिंग भी नहीं है। जहां नीचे गिरने का डर बना रहता है।
नागपुर और लंदन में शोभा बढ़ा रही प्राचीन वस्तु
पुरातत्वविद् डॉक्टर महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बुरहानपुर की प्राचीन वस्तुएं नागपुर संग्रहालय और लंदन के लायब्रेरी की शोभा बढ़ा रही है। पूर्व में बुरहानपुर की राजधानी नागपुर थी। जहां कई सामग्री अब भी नागपुर के संग्रहालय में है। इसमें शाही किले में हमाम खाने का पत्थर है। शहर की प्राचीन जैन मूर्तियां रखी है। इसके अलावा बुरहानपुर के प्राचीन सोने के सिक्के, मप सरकार के पास है। प्राचीन उर्दू और परसियन में लिखी किताब लंदन के लायब्रेरी में रखी है। यहां व्यवस्थित म्यूजियम बन जाए तो यह सभी वस्तु हमारे शहर में लाने के प्रयास किए जा सकते हैं।

पर्यटन के क्षेत्र में लगातार काम हुए हैं। ताप्ती के घाटों का जीर्णोद्धार हुआ है। कई धरोहरों पर विकास कार्यहुए। आगे भी पार्टी के वरिष्ठों और हमारे सांसद को भी बताएंगे।
– विजय गुप्ता, भाजपा अध्यक्ष
अरुण यादव जब सांसद थे, उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम किए। आगे बुरहानपुर को पर्यटन नगरी घोषित हो इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। इसे अहम मुद्दों में शामिल करेंगे।

अजय रघुवंशी, कांग्रेस अध्यक्ष
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