पहली प्राथमिकता बिल्डर के अनुभव को दें घर खरीदने के दौरान जांचने वाली पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिल्डर का निर्माण अनुभव कितने सालों का है। अगर, बिल्डर काफी लंबे समय से काम करता आ रहा है और कई प्रोजेक्ट पूरा कर चुका है तो आप उस बिल्डर के प्रोजेक्ट पर भरोसा कर सकते हैं। ऐसा इसलिए कि उसके पास निर्माण करने का लंबा अनुभव है। यानी वह सही निर्माण कर रहा तभी वह लंबे समय से काम कर पा रहा है। निर्माण की गुणवत्ता जांचने के लिए उसके पहले पूरे किए प्रोजेक्ट को देखकर भी सही गलत का फैसला कर सकते हैं।
कानूनी स्वीकृति नहीं तो बोले ना किसी भी प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करने से पहले खरीदार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस प्रोजेक्ट को सभी विभागों से कानूनी मंजूरी मिली हुई है। अगर मिली हुई तो यह जांच करें कि निर्माण स्वीकृत योजनाओं के अनुरूप है या नहीं। वहीं, स्वीक़ृति नहीं मिली है या स्वीक़ृति के अनुरूप निर्माण नहीं तो उस प्रोजेक्ट में कतई फ्लैट बुक न करें।
स्ट्रक्चर प्रमाण पत्र मांगे फ्लैट बुक करन से पहले डेवलपर्स को स्ट्रक्चर प्रमाणपत्र की एक प्रति के लिए पूछ सकते हैं, जो इंजीनियर द्वारा दी जाती है। इससे आप यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि बिल्डिंग डिजाइन और निर्मित लोड के अनुसार बनाया गया है या नहीं। बाजार में कई एजेंसियां हैं जो प्रोजेक्ट की गुणवत्ता के मुताबिक ग्रेड देती हैं।
सॉयल जांच की कॉपी मांगे बिल्डिंग निर्माण में उस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और सॉयल (वहां की मिट्टी) की भूमिका सबसे ज्यादा होती है। इन दोनों को आधार बना कर ही निर्माण कार्य शुरू किया जाता है। बिल्डिंग का नक्शा बनाने से पहले स्ट्रक्चरल इंजीनियर वहां की मिट्टी को जांचता है। उसके अनुसार ही वह इमारत की नींव के लिए उपयुक्त डिजाइन का चयन करता है। इसलिए सॉयल जांच की कॉपी भी मांगनी चाहिए।
अभी जांचने का सबसे माकूल समय अभी मानसून सीजन चल रहा है। किसी भी परियोजना की निर्माण गुणवत्ता जांचने का यह सबसे माकूल समय है। इस वक्त घर खरीदार आसानी से फ्लैटों में सीलन से लेकर कंस्ट्रक्शन क्वालिटी चेक कर सकते हैं। बरसात के दौरान पानी के कारण कंस्ट्रक्शन क्वालिटी ठीक न होने पर दीवार झड़ने लगती है। या मेटेरियल खराब होने पर दिखने लगता है। इसके साथ ही प्लबिंग की भी जांच की जा सकती है। डोर व विंडो की क्वालिटी का भी पता चल जाता है।